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Nagpur News: जिला परिषद में नर्स पद भर्ती पर रोक, ज्यादा पढ़े लिखे उम्मीदवार सीधे नौकरी के लिए अयोग्य घोषित थे
- अदालत से यह गुहार लगाई
- ज्यादा पढ़े लिखे उम्मीदवार सीधे नौकरी के लिए अयोग्य घोषित थे
Nagpur News : नर्स पद भर्ती में राज्य सरकार ने अजब फैसला देते हुए ज्यादा पढ़े लिखे उम्मीदवारों को सीधे नौकरी के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। इसके खिलाफ जीएनएम, बीएससी (नर्सिंग) के उम्मीदवारों ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में गुहार लगाते हुए सरकार का यह फैसला रद्द करने की मांग की। इस मामले में कोर्ट ने जिला परिषद में नर्स की रिक्त पद भरने पर रोक लगाते हुए याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत दी है। यह रोक न्यायालय के अगले आदेश तक लागू रहेगी।
यह है पूरा मामला
मामले पर न्या. नितीन सांबरे और न्या. वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई। सरकार के इस विवादित फैसले के खिलाफ नागपुर, गोंदिया एवं अकोला जिला परिषद नर्स भर्ती के पीड़ित उम्मीदवारों ने नागपुर खंडपीठ में याचिका दाखिल की है। याचिका के अनुसार, उक्त जिला परिषद ने ग्रुप सी के विभिन्न पदों के अंतर्गत नर्स/स्वास्थ्य कार्यकर्ता (महिला) के पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए। वे आवेदन ऑनलाइन दाखिल किए जाने थे। तदनुसार, याचिकाकर्ताओं के फॉर्म स्वीकार किए गए। इसके बाद, परीक्षा आयोजित की गई, जिसमें सभी याचिकाकर्ताओं ने भाग लिया। उक्त परीक्षा के परिणाम घोषित किए गए और याचिकाकर्ताओं को उक्त परीक्षा में योग्य घोषित किया गया। उसी दिन राज्य के ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय के सचिव द्वारा एक सूची प्रकाशित की गई। उक्त सूची में याचिकाकर्ताओं सहित अन्य उम्मीदवारों को योग्य घोषित किया गया।
इसके बाद याचिकाकर्ताओं सहित सभी उम्मीदवारों दस्तावेजों का सत्यापन किया गया।फिर अचानक 30 सितंबर 2024 को याचिकाकर्ताओं को एक पत्र मिला, जो ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय के सचिव की ओर से जिला परिषद नागपुर द्वारा भेजा था। साथ ही जिला परिषद की आधिकारिक वेबसाइट पर भी इसे प्रकाशित किया गया था। इसमें कहा गया है कि एएनएम, जीएनएम और बीएससी (नर्सिंग) के पाठ्यक्रम और उनकी अवधि अलग-अलग हैं। हालांकि, जीएनएम और बीएससी (नर्सिंग) की योग्यता एएनएम से अधिक है, लेकिन एएनएम के उम्मीदवार ही उक्त पद के लिए योग्य हैं। इस प्रकार, जीएनएम और बीएससी (नर्सिंग) के उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित किया गया।
अदालत से यह गुहार
इसलिए याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए 30 सितंबर का फैसला रद्द करने की मांग की है। साथ ही 7 अक्टूबर की प्रकाशित सूची को सही करने और याचिकाकर्ताओं के नामों को योग्य उम्मीदवारों के रूप में घोषित करने तथा नियुक्ति आदेश जारी करने के सरकार को निर्देश देने की मांग भी याचिका में की गई है। इस मामले में कोर्ट ने अगले आदेश तक नर्स की रिक्त पद भरने पर अंतरिम रोक लगाई है। अब इस मामले पर 3 फरवरी को अगली सुनवाई होगी। याचिकाकर्ताओं की ओर से एड. अमोल चाकोतकर, एड. एन. वी. भुतेकर और एड. आर. डी. नरखेडे ने पैरवी की।
Created On :   24 Dec 2024 8:23 PM IST