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Nagpur News: डील से नहीं मिलते दिल 4 साल में 5681 तलाक, विशेषज्ञों ने बताए कई हैरतअंगेज कारण

- विशेषज्ञों ने बताए कई हैरतअंगेज कारण
- पारिवारिक हस्तक्षेप के कारण बढ़ी दूरी
Nagpur News. रितु वासनिक | आज के समय में युवा जीवनसाथी चुनते समय ‘संस्कार' के बजाय ‘पैकेज' यानी वेतन, नौकरी, और रहन-सहन को प्राथमिकता देते हैं। जानकारों की राय में इस कारण विवाह में स्थायित्व नहीं बन पाता और तलाक के मामले सामने आते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, तलाक की बढ़ती दर के पीछे प्रमुख कारण हैं- काम का दबाव, समय की कमी, भावनात्मक दूरी, एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर, सोशल मीडिया का प्रभाव, आर्थिक अपेक्षाएं और जल्दीबाजी में किया गया विवाह। समाज को अब रिश्तों में संवाद, संवेदनशीलता और संतुलन लाने की ज़रूरत है, तभी वैवाहिक संस्थान को मजबूत किया जा सकता है।
केस 1 - काम का प्रेशर और एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर
समायरा और समीर की शादी को कुछ ही दिन हुए थे। दोनों अलग अलग निजी सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करते थे और नौकरी के सिलसिले में नागपुर की अपनी फैमिली से दूर, एक अन्य शहर में फ्लैट में रहते थे। काम का दबाव इतना अधिक था कि अक्सर दोनों थके हुए हालत में देर रात घर लौटते थे, कभी-कभी नाइट शिफ्ट में भी फँस जाते थे। इस कारण उनके बीच शारीरिक, भावनात्मक और संवाद की दूरी बढ़ती चली गई। समीर वीकेंड्स पर अक्सर अपने दोस्तों या सहकर्मियों के साथ बाहर घूमने जाता था। इसी दौरान उसकी एक सहकर्मी प्रीति से गहरी दोस्ती हो गई। समायरा को समीर के बदलते व्यवहार पर शक होने लगा और जल्द ही उसका शक यकीन में बदल गया जब उसे समीर और प्रीति के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर का पता चला। इस कारण समायरा ने नागपुर फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी डाल दी। समुपदेशन के बाद भी दोनों के बीच कोई सुधार नहीं हुआ और आखिरकार उनका तलाक हो गया।
केस 2- पारिवारिक हस्तक्षेप के कारण बढ़ी दूरी
किरण और कार्तिक की नई-नई शादी हुई थी। किरण ससुराल की बातें मां से मोबाइल पर साझा करती थी। उसकी मां हर बात में हस्तक्षेप करती थी और किरण बिना सोचे-समझे उनकी बातों का पालन करती थी। इसका असर किरण और कार्तिक के रिश्ते पर पड़ा और उनके बीच झगड़े शुरू हो गए। एक बार झगड़ा इतना बढ़ गया कि किरण मायके चली गई। इसके बाद किरण की मां ने कार्तिक पर घरेलू हिंसा (डोमेस्टिक वायलेंस) का केस दर्ज करवा दिया। शादी के इतने कम समय में इतने गंभीर आरोपों से कार्तिक का आत्मसम्मान आहत हुआ और उसने तलाक का केस फाइल कर दिया। फैमिली कोर्ट ने तलाक मंजूर कर दिया। बाद में किरण को अपने व्यवहार पर बहुत पछतावा हुआ।
केस 3- कम उम्र में लव मैरिज और तलाक
जीविका और विहान कॉलेज में एक साथ पढ़ते थे। पहले दोनों की दोस्ती हुई और फिर वह प्यार में बदल गई। दोनों बालिग थे, इसलिए उन्होंने कोर्ट मैरिज कर ली। शादी के बाद भी वे अपने-अपने घरों में रहते थे, लेकिन रोज़ मिलते-जुलते, घूमते-फिरते और पार्टियों में जाते थे। दोनों ने तय किया था कि करियर सेट होने के बाद अपने-अपने घरवालों को शादी की बात बताएंगे। लेकिन विहान को करियर सेट करने में समय लग रहा था। उधर जीविका पर घरवालों ने शादी के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। कई बार मना करने के बाद भी अंततः जीविका ने अपनी शादी की बात घरवालों को बता दी। इसके बाद घरवालों ने जीविका को समझाकर विहान से मिलने-जुलने से मना कर दिया और उसे उससे अलग करवा दिया। अंततः जीविका के परिवार ने नागपुर फैमिली कोर्ट में तलाक का केस दायर किया और दोनों का तलाक हो गया।
रिश्ते निभाने की कला सीखनी होगी : बढ़ती तलाक दर केवल एक सामाजिक आंकड़ा नहीं, बल्कि आधुनिक जीवनशैली में रिश्तों को निभाने की जरूरत को रेखांकित करने वाला संकेत है। आज आवश्यकता है रिश्तों में नई सोच, संवेदनशीलता, संवाद और संतुलन लाने की। यदि हम भावनाओं को महत्व दें, एक-दूसरे की बात सुनें और समझें, तो विवाह जैसी संस्था को फिर से मजबूत और स्थिर बनाया जा सकता है।
सिर्फ कुंडली मिलान से नहीं बनती बात
डॉ. शेखर पांडे, मैरिज काउंसलर के मुताबिक शादी से पहले सिर्फ पत्रिका या कुंडली मिलान से बात नहीं बनती। सबसे जरूरी है व्यक्ति का स्वभाव, मूल्य, संस्कार और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि समझना। "पंडित आपकी कुंडली तो बदल सकते हैं, लेकिन स्वभाव नहीं। इसलिए शादी करते समय भावनात्मक मेल, समझ और परस्पर सम्मान को प्राथमिकता देना चाहिए।
Created On :   28 April 2025 8:50 PM IST