Nagpur News: जीवन जीने के लिए दृष्टि नहीं दृष्टिकोण चाहिए

जीवन जीने के लिए दृष्टि नहीं दृष्टिकोण चाहिए
  • दिवाली पहाट कार्यक्रम में डॉ. आसुदानी के विचार
  • दृष्टिबाधितों के कल्याणार्थ आयोजित सराहनीय कार्यक्रम

Nagpur News दृष्टिहीन होना कोई दोष नहीं है। जीवन जीने के लिए दृष्टि नहीं दृष्टिकोण चाहिए। नजर नहीं नजरिया चाहिए, साइट नहीं विजन चाहिए। दृष्टि नहीं होने से तकलीफ नहीं होती, तकलीफ तब होती है जब दृष्टिकोण गलत हो। ऐसा प्रसिद्ध गजलकार, मोटिवेशनल स्पीकर, प्राध्यापक डॉ. विनोद आसुदानी ने कहा। दृष्टि नहीं होने से तकलीफ होती है, लेकिन संघर्ष करनेवाले जीत जाते है। जहां रोशनीवाले छलांग लगाकर पहुंच जाते हैं, वहां दृष्टिहीन भी धीरे-धीरे पहुंच जाते है। डॉ. आसुदानी ने कहा कि समाज में समानता की बात की जाती है, मगर दृष्टहीनों के मामले में यह समानता नहीं दिखती। ऐसा भी डॉ. आसुदानी ने कहा। अरुणोदय परिवार गांधीबाग, संगीत सरिता व स्वर अलंकार परिवार की ओर से रविवार को गांधीबाग उद्यान में दिवाली पहाट कार्यक्रम आयोजित किया।

रोशनी जाने के बाद संभल गई भारती : कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में दृष्टिबाधित डॉ. विनोद आसुदानी, विशेष अतिथि के रुप में पूर्व महापौर दयाशंकर तिवारी, अतिथिगण अशोक धापोडकर, पार्श्वगायक एम.ए. कादर, संगीतगुरु अकील अहमद, संगीतगुरु सुमंता गहाणकर, डॉ. पुष्पलता आशीष नंदनवार, प्रवीण दटके, धनराज हरडे, जीतु मस्ते, अविनाश लोखंडे, संजय चिंचोले, योगेश खंडवानी, विकास कुंभारे, विक्की बढेल, रमण पैगवार, नारायण कडव हेमंत बरडे, राजेश कन्हेरे, भास्कर पराते, कमलेश नायक आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर दृष्टिबाधित भारती यादव ने आंखों की रोशनी जाने के बाद की अपनी आपबीती कविता के माध्यम से सुनायी। उसने बताया कि गुरु सही मिले तो आंखों में रोशनी हो या ना हो, हर तरफ उजियारा ही होता है। इस अवसर पर ज्ञान ज्योति निवासी अंध विद्यालय के कलाकारों का रोशनी म्यूजिकल ग्रुप ने संगीतमय कार्यक्रम प्रस्तुत किया। नृत्यांगना प्राची प्रजापति व ग्रुप ने नृत्य की प्रस्तुतियां दी। कलाकारों की प्रस्तुतियों ने बताया कि शारीरिक दिव्यांगता कमी नहीं बल्कि वह भी समाज का हिस्सा है, और वह भी अव्वल होता है।

शहर में पहलीबार अनोखा आयोजन : कार्यक्रम में निशुल्क नेत्र जांच शिविर भी रखा गया था। जिला सिविल सर्जन डॉ. निवृत्ति राठोड के मार्गदर्शन में समन्वयक राजेंद्र निकाजु के नेतृत्व में जिला शल्य चिकित्सक व सर्वोपचार रुग्णालय के डॉक्टरों व सहायकों की टीम ने सह्योग किया। शहर में दृष्टिबाधितों के लिए इस तरह का आयोजन पहली बार किया गया। सभी ने इस कार्यक्रम की सराहना की और इसे अभूतपूर्व आयोजन बताया। संचालन तेजल जोगेवार ने किया कार्यक्रम की सफलता के लिए अरविंद कोसारकर, राजेश धकाते, सत्यजीत नायक, सुभाष कापसे, क्षमा जोशी, सोनल दलाल, अर्चना गुमगांवकर, लक्ष्मी गोखले, शारदा दीदी, अर्जुन मोहाडीकर, मनीष सुशीबिने, दिलीप पराते समेत गांधीबाग उद्यान के सभी ग्रुप व सदस्यों ने सह्योग किया।

आंख खुल जाए आंख वालों की : जिस तरह से प्रोफेशनल आर्टिस्ट परफॉर्म करते है वैसे ही इन कलाकारों ने प्रस्तुति दी। ऐसा नहीं लगा कि उन्हें दिखाई नहीं देता। गायक और वादकों ने दिल जीत लिया। मैं यही कहूंगा कि चांद सूरज के जो है खुद मोहताज, भीख न मांगो उन उजालों की और बंद आखों से ऐसे काम करों कि आंख खुल जाए आंख वालों की। - पार्श्वगायक एम ए कादर

कला को किया गया प्रोत्साहित पीएम मोदी ने अपंग को समाप्त करके दिव्यांग कहा है उसी को परिभाषित करता ये दिवाली पहाट का कार्यक्रम था। आयोजकों द्वारा दृष्टिहीन दिव्यांगों को एकत्रित करके उनके अंदर के कला को प्रोत्साहन दिया गया। साथ ही समाज को एक संदेश दिया गया कि जीवन में कोई भी व्यक्ति असहाय और बेसहारा नहीं है, ये मनुष्य की मानसिक विकृति है। - दयाशंकर तिवारी, पूर्व महापौर

पाठ्यक्रम में शामिल हो संगीत : संगीत को पहली कक्षा में पाठ्यक्रम में शामिल करने की दिशा में प्रयास होना चाहिए। यह एक ऐसी विधा है, जिसके लिए साधना करनी पड़ती है। इस दिशा में जनप्रतिनिधियों समेत संगीत क्षेत्रों के मान्यवरों ने प्रयास करना चाहिए। - संगीतगुरु अकील अहमद

Created On :   10 Nov 2024 11:34 AM GMT

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