- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- दोबारा प्रशिक्षण के नाम पर सैंकड़ों...
Nagpur News: दोबारा प्रशिक्षण के नाम पर सैंकड़ों चयनित छात्र पुलिस प्रशिक्षण से वंचित
- सरकार की दोबारा लाभ न देने की शर्त अन्यायपूर्ण
- दोबारा प्रशिक्षण के नाम पर सैकड़ों चयनित छात्र पुलिस प्रशिक्षण से वंचित
Nagpur News. बार्टी के अंतर्गत पुलिस भर्ती प्रशिक्षण के लिए योग्य छात्रों का चयन किया गया। मुख्य रूप से, इनमें कई छात्र पहले से ही बार्टी के आईबीपीएस से लाभान्वित हो चुके हैं। महाराष्ट्र सरकार ने परिपत्रक जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि, वर्ष 2023 से प्रशिक्षणार्थि को दोबारा लाभ नहीं मिलेगा। इसलिए दोबारा पात्र होने के बावजूद इस शर्तों के कारण उन्हे प्रशिक्षण से वंचित रहना पड़ रहा है। मानवाधिकार संरक्षण मंच ने इस शर्त पर आपत्ति जताते हुए कहा कि, सरकार की यह शर्त छात्रों के लिए काफी अन्यायकारक है।
मानवाधिकार संरक्षण मंच संगठन ने कहा कि, बार्टी का मुख्य उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से अधिकारी एवं कर्मचारी तैयार करना है। इसके लिए योग्य विद्यार्थियों का चयन कर उन्हें उन्नत पाठ्यक्रम एवं समुचित सुविधाएं प्रदान करने का निर्णय लिया गया है, ताकि अनुसूचित जाति के विद्यार्थी सरकारी सेवा में भाग ले सकें। बार्टी के माध्यम से दिया गया आईबीपीएस प्रशिक्षण पुलिस भर्ती के रैंकिंग से उच्च स्तर का है और बार्टी ने वहां दोबारा लाभ देने से इनकार कर दिया है। लेकिन हकीकत में पुलिस भर्ती का पाठ्यक्रम आईबीपीएस से बडा है और विषय भी ज्यादा हैं पुलिस भर्ती में फील्ड टेस्ट भी होता है। यह विषय सीनियर और जूनियर का नहीं बल्कि अधिकारी और कर्मचारी तैयार करने के बारे में है।
यदि कोई विद्यार्थी आईबीपीएस का प्रशिक्षण लेने के बाद बार-बार परीक्षा में बैठने के बाद भी सफल नहीं होता और उसे पुलिस भर्ती में आशा की किरण दिखती है, तो क्या उस विद्यार्थी को पुलिस भर्ती का प्रशिक्षण नहीं लेना चाहिए? प्रशिक्षण प्राप्त करने वाला विद्यार्थी एक गरीब व्यक्ति है जो गांव से नौकरी की तलाश में यहां आता है और यदि उसे बार्टी के प्रशिक्षण के माध्यम से नौकरी पाने का अवसर मिलता है तो उसे दोबारा के नाम पर इससे वंचित करना कितना सही है? दोबारा के नाम पर पात्र सैकड़ों छात्रों को बाहर कर उतनी सीटों को खाली रखकर एक तरह से बार्टी छात्रों से अन्याय कर रहा है। दोबारा प्रशिक्षण की शर्त रद्द करें : आशीष फुलझेले
मानवाधिकार संरक्षण मंच के सचिव आशीष फुलझेले ने कहा कि, दोबारा प्रशिक्षण देने से इनकार करने की शर्त से बार्टी द्वारा अधिकारी एवं कर्मचारी तैयार करने का उद्देश्य एक तरह से कमजोर हो रहा है। तथा चयनित विद्यार्थियों को प्रशिक्षण से वंचित करके एक प्रकार का अन्याय किया जा रहा है। इसलिए दोबारा प्रशिक्षण न देने की शर्त तत्काल रद्द की जाए ऐसे भी मांग आशीष फुलझेले ने की।
Created On :   28 Jan 2025 5:03 PM IST