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Nagpur News: रितु मालू की जमानत रद्द , समाज में खुलेआम घूमने देना न्यायसंगत नहीं
- सीआईडी को दी गिरफ्तार करने की छूट
- आरोपों की गंभीरता को देखते हुए फैसला
- मृतक के भाई ने दायर की याचिका
Nagpur Newsनशे में तेजी से कार चलाकर रामझूले पर दो लोगों को कुचलने के आरोप में रितिका उर्फ रितु दिनेश मालू की जमानत सत्र न्यायालय ने रद्द कर दी। साथ ही कोर्ट ने मामले की जांच कर रहे सीआईडी को उसे गिरफ्तार करने की छूट दी है। मालू की जमानत रद्द करते हुए कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मालू के खिलाफ आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, जब तक वह नियमित जमानत के लिए आवेदन नहीं करती, तब तक उसे समाज में स्वतंत्र रूप से घूमने की अनुमति देना न्यायसंगत नहीं होगा। सत्र न्यायालय के न्यायाधीश आर. एस. पाटिल-भोसले ने यह फैसला दिया।
सीआईडी जांच की गुहार: इस हादसे में मारे गए मोहम्मद आतिफ के भाई शाहरुख जिया मोहम्मद ने इस संबंध में नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की थी। तहसील पुलिस द्वारा इस मामले की जांच पारदर्शी तरीके से नहीं होने का दावा करते हुए याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि मामले की जांच सीआईडी को ट्रांसफर की जाए। हाई कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद रामझूला कार हादसे की जांच सीआईडी को ट्रांसफर करने का आदेश दिया। इसलिए एक ओर राज्य सरकार ने तहसील पुलिस द्वारा सत्र न्यायालय में अर्जी दायर करते हुए मालू की जमानत रद्द करने की मांग की, वहीं दूसरी ओर मालू ने अर्जी दायर करते हुए पुलिस की अर्जी रद्द करने का कोर्ट से अनुरोध किया था।
यह निर्देश दिया था : सोमवार 23 सितंबर को सत्र न्यायालय ने तकनीकी कारणों से न्याय को पराजित नहीं किया जाना चाहिए, यह निरीक्षण देते हुए मालू की अर्जी खारिज कर दी थी। साथ ही कोर्ट ने सीआईडी को जमानत रद्द करने के लिए कोई नई अर्जी किए बिना तहसील पुलिस के अर्जी में सुधार करने का निर्देश दिया था। अब आज बुधवार को सत्र न्यायालय ने सीआईडी की अर्जी मंजूर करते हुए रितु मालू की जमानत रद्द की।
अदालत का निरीक्षण मामले में दो चश्मदीद गवाह हैं। सबूत सामने आए हैं कि रितु शराब के नशे में गाड़ी चला रही थी। सीसीटीवी में वह सीपी क्लब से निकलते समय गाड़ी चलाती दिख रही है। हादसे के बाद पीड़ितों की मदद करने की बजाय वह भाग गईं। जांच अधिकारी के सामने विरोधाभासी बयान दिए हैं। इससे यह संदेह हो रहा है कि वह गलत जानकारी दे रही है। लिहाजा उसकी जांच जरूरी है, यह निरीक्षण देते हुए कोर्ट ने उक्त फैसला दिया। रितु मालू की ओर से एड. चंद्रशेखर जलतारे, राज्य सरकार की ओर से एड. रश्मि खापर्डे और फरियादी की ओर से एड. अमोल हुंगे ने पैरवी की।
Created On :   26 Sept 2024 11:29 AM IST