Nagpur News: कांग्रेस की सत्यशोधन समिति बैरंग लौटी, ठाकरे ने कहा- 4 दिन ठहरेंगे पर सत्य जान कर ही जाएंगे

कांग्रेस की सत्यशोधन समिति बैरंग लौटी, ठाकरे ने कहा- 4 दिन ठहरेंगे पर सत्य जान कर ही जाएंगे
  • सत्यशोधन समिति बैरंग लौटी
  • 4 दिन ठहरेंगे पर सत्य जान कर ही जाएंगे

Nagpur News. शहर में हिंसा के मामले को लेकर कांग्रेस ने सत्यशोधन समिति गठित की है। समिति के अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे के नेतृत्व में समिति सदस्यों ने शनिवार को हिंसा प्रभावित क्षेत्र में जाने की तैयारी की, लेकिन शहर पुलिस ने समिति को अनुमति नहीं दी। पुलिस ने कहा है कि कर्फ्यू क्षेत्र में किसी को दौरे की अनुमति नहीं दी जा सकती है। वहीं समिति अध्यक्ष ठाकरे ने कहा है कि 4 दिन तक नागपुर में ठहरेंगे, लेकिन हिंसा के मामले में सत्य जानकर ही लौटेंगे।

बैठक में नहीं पहुंचे बड़े नेता : कांग्रेस की सत्यशोधन समिति की बैठक में शहर के 20 नेताओं को आमंत्रित किया गया था। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री विलास मुत्तेमवार, पूर्व मंत्री सतीश चतुर्वेदी, पूर्व मंत्री अनीस अहमद, पूर्व विधायक अशोक धवड़, युवक कांग्रेस के महासचिव बंटी शेलके शामिल थे। अधिकतर बड़े नेता बैठक में नहीं पहुंचे। शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे, अखिल भारतीय सचिव प्रफुल गुडधे, अतुल कोटेचा, उमाकांत अग्निहोत्री, संजय महाकालकर सहित अन्य कुछ पदाधिकारियों ने ही बैठक में विचार साझा किए।

रविभवन में हुई बैठक

सुबह 10.30 बजे रविभवन में समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक का आयोजन कांग्रेस के शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे ने किया था। समिति अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने बताया कि बैठक में कांग्रेस के अलावा अन्य संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। घटना के विविध पहलुओं पर चर्चा की गई। हम सत्य जानने आए हैं। शांति बनाए रखने का प्रयास है, लेकिन पुलिस ने अनुमति नहीं दी है। पुलिस व जिला प्रशासन की भूमिका की भी पड़ताल की जाएगी। समिति की रिपोर्ट कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल को भेजी जाएगी। उधर, पुलिस ने कहा है कि कर्फ्यू क्षेत्र में कानून का उल्लंघन हुआ तो फौजदारी कार्रवाई की जाएगी।

राज्य सरकार को शीघ्र बर्खास्त करें राज्यपाल

तनाव प्रकरण को लेकर कांग्रेस की सत्यशोधन समिति ने राज्य सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है। समिति के अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने कहा है कि मुख्यमंत्री इस प्रकरण को षड्यंत्र ठहरा रहे हैं। अगर यह षड्यंत्र है तो सवाल उठता है कि पुलिस विभाग क्या कर रहा था। राज्य सरकार सभी को न्याय व सुरक्षा देने की जवाबदारी को नहीं निभा पा रही है। इसलिए राज्यपाल इस सरकार को त्वरित बर्खास्त कर दें। शनिवार को पत्रकार वार्ता में ठाकरे बोल रहे थे।

सरकार का दोयम भाव

उन्होंने कहा-नागपुर में तनाव के घटनाक्रम में सरकार का दोयम भाव साफ दिख रहा है। नागपुर में कभी हिंसक घटना नहीं हुई। यह शांतिप्रिय शहर है। राज्य में विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल प्रदर्शन कर रहा है। अशांति की जा रही है। भाजपा के नेता विवादित व आवेश लाने वाले वक्तव्य दे रहे हैं। सरकार के लोग भी अनियंत्रित वक्तव्य दिये जा रहे हैं। जिन लोगों पर राज्य में समान न्याय देने की जवाबदारी है वे ही कानून व्यवस्था को उद्धवस्त करने का प्रयास करते दिख रहे हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एक समाज को दोषी ठहराने वाला वक्तव्य दे रहे हैं। भाजपा के मंत्री, नेता भी एेसे वक्तव्य दे रहे हैं कि कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है।

प्रकरण दर्ज करने में भी भेदभाव : उन्होंने कहा- प्रकरण दर्ज करने को लेकर भी भेदभाव किया जा रहा है। हिंसा के बाद कुछ मुस्लिम नागरिकों पर देशद्रोह का अपराध दर्ज किया गया। विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने अपमानजनक प्रदर्शन किया। मुस्लिमों को उकसाने का प्रयास किया, लेकिन विहिंप व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर सामान्य प्रकरण दर्ज करके उन्हें छोड़ दिया गया है। औरंगजेब की कब्र हटाने संबंधी प्रदर्शन पर मुस्लिम समाज ने प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन सवाल यह है कि समाज की भावना भड़काने का प्रयास करनेवाले प्रदर्शन को पुलिस ने कैसे अनुमति दी।

Created On :   23 March 2025 8:29 PM IST

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