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Nagpur News: बायो मेडिकल वेस्ट भी सामान्य कचरे के साथ मिलाया जा रहा

- ठोस कचरा प्रबंधन में गंभीर लापरवाही
- 8 फीसदी प्रोसेसिंग दक्षता, प्रबंधन फेल साबित
- 25 लाख मीट्रिक टन कचरा खुले में हो रहा डंप
Nagpur News शहर में घरों से निकलने वाला जैव चिकित्सा कचरा (बायो मेडिकल वेस्ट) सामान्य कचरे के साथ ही एकत्र किया जा रहा है। इसके उचित निपटान के लिए कॉमन बायो-मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फैसिलिटी की कोई व्यवस्था नहीं। ऐसी बात कैग रिपोर्ट में साफ़ साबित हुई है।
विधानसभा में रिपोर्ट पेश राज्य के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री अजित पवार ने विधानसभा में कैग की रिपोर्ट पेश की थी। 205 पन्नों की इस रिपोर्ट में वर्ष 2016-17 से 2021-22 तक राज्य के 45 महानगर पालिकाओं व नगर पालिकाओं के घनकचरा व्यवस्थापन का अध्ययन किया गया है। पेज 24, 29,और 35 पर मुख्य रूप से नागपुर की जानकारी दी गई है, जिसमें नागपुर महानगर पालिका शहरी स्थानीय निकायों के कचरा प्रबंधन की समीक्षा भी की गई। रिपोर्ट में नागपुर में ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर कई खामियों की ओर इशारा किया गया है।
8 प्रतिशत कचरे का निपटान : वर्ष 2021-22 के दौरान नागपुर में प्रतिदिन कुल 1222.58 टन कचरा उत्पन्न हुआ, जिसे पूरी तरह संग्रहित किया गया। हालांकि, इस संग्रहित कचरे में से केवल 97.4 टन का ही निपटान किया गया, जिससे प्रोसेसिंग दक्षता केवल 8 प्रतिशत रही। रिपोर्ट में बताया गया कि पुनर्चक्रण की दक्षता भी मात्र 7 प्रतिशत रही। सेवा स्तर मापदंड के अनुसार, घर-घर संग्रहण की कवरेज 80 प्रतिशत रही, जबकि कचरे का पृथक्करण केवल 7 प्रतिशत तक सीमित था। उपयोगकर्ता शुल्क संग्रहण की जानकारी उपलब्ध नहीं थी।
कचरे के निपटान की कोई व्यवस्था नहीं : नागपुर ने ठोस कचरा प्रबंधन योजना तो तैयार की, लेकिन इसमें परामर्श और सत्यापन पूरा नहीं किया गया। सैनिटरी लैंडफिल की कोई योजना नहीं थी, न ही ई-कचरा और निर्माण-ध्वंस कचरे के लिए कोई ठोस व्यवस्था बनाई गई। भूमि की पर्याप्तता नहीं थी और विरासती कचरे के निपटान की कोई व्यवस्था नहीं थी।
Created On :   10 April 2025 11:32 AM IST