Nagpur News: बारामती में बन रहा देश का पहला पुलिस श्वान अस्पताल, डेढ़ वर्ष में होगा शुरू

बारामती में बन रहा देश का पहला पुलिस श्वान अस्पताल, डेढ़ वर्ष में होगा शुरू
  • पुलिस महकमे या सेना में श्वानों का अलग महत्व
  • बारामती में बन रहा देश का पहला पुलिस श्वान अस्पताल

Nagpur News. पुलिस महकमे या सेना में श्वानों का अलग महत्व है। कई बार कर्तव्य निभाने के दौरान जरा सी चूक इनकी और इनके हैंडलरों व अन्य पुलिसकर्मियों के लिए घातक सिद्ध हो सकती है। महाराष्ट्र पुलिस की विभिन्न इकाइयों में लगभग 550 श्वान कार्यरत हैं, जिन्हें विभिन्न कार्यों के लिए प्रशिक्षित किया गया है, इनमें खोजी श्वानों का भी बड़ी संख्या में समावेश है। पुलिस महकमे में बमशोधक खोजी श्वान से लेकर अपराधियों को पकड़ने में मदद करनेवाले श्वान के अलावा ड्रग्स और अन्य नशीले पदार्थों की खोजबीन करनेवाले श्वान पुलिस विभाग में कार्यरत हैं। इन श्वानों के लिए देश में कहीं पर भी पुलिस श्वान अस्पताल नहीं है। राज्य में पहली बार पुलिस श्वान अस्पताल पुणे स्थित बारामती में शुरू किया जा रहा है।

राज्य में तमाम श्वान दस्ते, मुंबई और पुणे की सीआईडी के तहत कार्य करते हैं। नागपुर रेंज में श्वान दस्ते के अधिकारी और श्वान हैंडलरों की भी दिली इच्छा है कि संतरानगरी के पुलिस मुख्यालय परिसर में पुलिस श्वान अस्पताल खोला जाए, ताकि नागपुर रेंज के अलावा छिंदवाड़ा और बालाघाट के कोबरा बटालियन के पुलिस श्वानों का आसानी से उपचार हो सके। बशर्ते यह कि राज्य का गृह मंत्रालय और मुंंबई व पुणे सीआईडी के अंतर्गत श्वान प्रशिक्षण केंद्र के अधिकारी चाह लें तो? वह राज्य के गृह मंत्रालय की मंजूरी लेकर नागपुर में भी पुलिस श्वान अस्पताल खुलवा सकते हैं। यह पुलिस श्वान अस्पताल करीब 57 करोड़ की लागत से पुणे के बारामती में गोजुबाबी गांव में 8.19 हेक्टेयर में सर्व सुविधा युक्त पुलिस के श्वान प्रशिक्षण केंद्र के अंदर ही पुलिस श्वान अस्पताल भी शुरू किया जा रहा है, जहां पर दो चिकित्सक, दो सहायक चिकित्सक तैनात किए जा रहे हैं, जो पुलिस श्वानों का उपचार करेंगे।

92 डॉग यूनिट : पुणे के डॉग ट्रेनिंग सेंटर के पुलिस निरीक्षक राजेश चौहान के अनुसार पुणे के बारामती में पुलिस श्वान प्रशिक्षण केंद्र के अंदर ही पुलिस श्वान अस्पताल को भी शुरू किया जा रहा है, जो सर्व सुविधाओं से लैस होगा। अभी तक पुलिस श्वानों का उपचार शासकीय पशु चिकित्सालय में ही कराना पड़ता था। ऐसे में पुलिस श्वान के संक्रमित होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। पुलिस श्वान के कुछ हैंडलरों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब तक श्वान विभाग के लिए काम करता है, तब उसे सिर आंखों पर बैठाकर रखा जाता है, जैसे ही सेवानिवृत्त होता है, वैसे ही वह महत्वहीन हो जाता है। सेवानिवृत्त श्वानों के लिए सरकार को पुलिस श्वान अस्पताल में उपचार की सुविधा देनी चाहिए ताकि उसे पालने वाले लोग वहां ले जाकर उपचार करा सकें। चौहान का कहना है कि पुणे में खोला जा रहा पुलिस श्वान अस्पताल देश में पहला पुलिस श्वान अस्पताल होगा। जहां पुलिस श्वानों के अलावा पुलिस की अन्य इकाइयों के श्वानों का उपचार होगा। बता दें कि वर्तमान में, राज्य के जिलों और कमिश्नरेट में 92 डॉग यूनिट हैं।

Created On :   26 Dec 2024 7:39 PM IST

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