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Nagpur News: बाघों की तरह तेंदुओं काे भी शिकारी बना रहे निशाना, , राज्य भर में कुल 444 बाघ मौजूद
- राज्य में 6 व्याघ्र प्रकल्प
- अंगों की होती है तस्करी
Nagpur News. बाघ के शिकार के मामले आये दिन सामने आते हैं। इन मामलों का संज्ञान लेकर लगातार बाघों के प्रति सुरक्षा आदि बढ़ाई भी जाती है। लेकिन शिकारियों की नजर केवल बाघों पर नहीं बल्कि तेंदुओं पर भी रहती है। यह हम नहीं आंकड़े बया कर रहे हैं। महाराष्ट्र राज्य के गत चार साल के आंकड़े देखे जाएं तो कुल 21 तेंदुओं का अब तक शिकार किया गया है। जो कि बाघों की तुलना में केवल कुछ ही प्रतिशत कम हैं।
राज्य में 6 व्याघ्र प्रकल्प
महाराष्ट्र में कुल 6 व्याघ्र प्रकल्प हैं। जिसमें मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प, ताडोबा अंधारी, सह्याद्री, पेंच, नवेगांव नागझिरा और बोर व्याघ्र प्रकल्प शामिल हैं। सभी व्याघ्र प्रकल्प का कुल कोर का 3 हजार 687 वर्ग कलोमीटर वहीं बफर का 5 हजार 3 सौ 38 वर्ग किमी का जंगल है। इसके अलावा कई अभ्यारण्य मौजूद ताजा आंकड़ों के अनुसार राज्य भर में कुल 444 बाघ मौजूद हैं। जिनके संरक्षण के लिए वन विभाग की ओर से विभिन्न प्रकार की उपाययोजना चलाई जाती है।
जंगलों में भी बाघ सुरक्षित नहीं : शिकारी बाघों को निशाना बना ही लेते हैं। उनके अंगों की तस्करी करने के लिए ऐसा किया जाता है। आंकड़ों को देखा जाए तो गत चार साल में 32 बाघों का शिकार हुआ है। जिससे जंगलों में भी बाघ सुरक्षित नहीं दिख रहे हैं। इनकी तुलना तेंदुओं की बात करें तो तेंदुओं का भी शिकार हो रहा है। जो बाघों की संख्या की तुलना कुछ ही प्रतिशत कम है। गत चार साल के आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2021 में 4, वर्ष 2022 में 8 व वर्ष 2023 से अब तक 9 तेंदुओं का शिकार किया गया है।
बाघों का इस तरह किया शिकार : 1 जनवरी 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक कुल 9 बाघों का शिकार किया गाय है। 1 जनवरी से 2022 से 31 दिसंबर 2022 तक 7 बाघों को मारा है। वहीं 1 जनवरी 2023 से 31 दिसंबर 2023 को सबसे ज्यादा 15 शिकार का आंकड़ा है। 1 जनवरी 2024 से 31 अक्टूबर 2024 तक 1 बाघ कुल 32 बाघों का गत 4 साल में शिकार हुआ है।
अंगों की होती है तस्करी
जानकारों की मानें तो बाघ व तेंदुओं के ज्यादातर शिकार अंधश्रद्धा के चलते होते हैं। कई तांत्रिकों द्वारा पैसों की बारिश से लेकर बड़ी से बड़ी बीमारियों को सुधारने की बात कहकर इन वन्यजीवों के अंगों की मांग की जाती है। ऐसे में तस्करों द्वारा इनका शिकार कर नाखून, दांत, मूंछ, खाल आदि अंग निकालकर इनका लाखों रुपयों में सौदा किया जाता है।
Created On :   26 Dec 2024 7:16 PM IST