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Nagpur News: अनोखा नाट्य मंचन - बच्चों ने भगाया गणित का डर, दिया संस्कारों का संदेश
- 21वीं राज्य बाल नाट्य प्रतियोगिता का आयोजन
- परी कथा से अब वह नए रूप की ओर अग्रसर हो रहे हैं
Nagpur News. बच्चों का भाव अब बदल रहा है। परी कथा से अब वह नए रूप की ओर अग्रसर हो रहे हैं। विज्ञान और तकनीक से लेकर कार्टून और मौजूदा दुनिया के मुद्दे नई पीढ़ी के लिए सवाल हैं। शहर के साइंटिफिक सभागृह में आयोजित 21वीं राज्य बाल नाट्य प्रतियोगिता में यह देखने को मिला। बच्चे संवेदनशील मुद्दों पर नाटक करते नजर आए। प्रतियोगिता में ‘माणसं' बालनाट्य की प्रस्तुति हुई। इसे रावबा गजमल ने लिखा है, जबकि निर्देशन किशोर येलने ने किया है। मनुष्य कभी बंदर था, तब उसे ज्ञान मिला और उसने प्रगति की। जंगल काटे और विकास किया, लेकिन इस विकास के माध्यम से उन्होंने स्वयं के विकास को अवरुद्ध और अंधकारमय कर दिया। इस नाटक के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया गया।
‘गणित देश’
मनपा के नेताजी मार्केट हिंदी सेकेंडरी स्कूल द्वारा बच्चों ने ‘गणित देश' नाटक की प्रस्तुति दी। इस नाटक की मूल लेखिका रेखा जैन थीं। गणित बच्चों के लिए एक कठिन विषय है, लेकिन अगर गणित से दोस्ती कर लें और उसे समझ लें, तो वही विषय दिलचस्प बन सकता है। नाटक में इसी विषय को प्रस्तुत किया गया।
‘ताई’
बच्चों के नाटक ‘ताई' को रूपेश पवार ने लिखा था और अक्षय खोबरागड़े ने इसका निर्देशन किया। यह नाटक मनपा के हंसपुरी हिंदी माध्यमिक विद्यालय द्वारा प्रस्तुत किया गया। यह नाटक हमारी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है। हमें बहुत शिक्षा मिलती है, लेकिन शिक्षा हमें बड़ों का सम्मान करने, हमारे अंदर अनुशासन पैदा करने, व्यावहारिकता समझने का ज्ञान नहीं देती। इस पर टिप्पणी करते हुए यह नाटक बच्चों के लिए शिक्षाप्रद था। नाटक में दिखाया गया कि ताई शिक्षा में पिछड़ जाती है, लेकिन अंततः अभ्यास और व्यवहार में आगे निकल जाती है।
‘एलियंस-द ग्रेट' : जीवन विकास एजुकेशन सोसायटी द्वारा ‘एलियंस-द ग्रेट' नाटक प्रस्तुत किया गया। नाटक धनंजय सरदेशपांडे द्वारा लिखा गया था और निकेतन शहारे ने निर्देशित किया था। आज समग्र परिवार व्यवस्था एकल परिवार व्यवस्था पर टिक रही है और परिवार टूट रहे हैं। इससे समाज में खाई पैदा हो रही है। इस नाटक के माध्यम से यह दिखाने का प्रयास किया गया है कि इसका बच्चों पर कितना दुष्प्रभाव पड़ रहा है।
‘वीर बाबूराव' : हेमेंदु रंगभूमि ने चैतन्य दुबे द्वारा लिखित और निर्देशित नाटक ‘वीर बाबूराव' का मंचन किया। यह एक ऐतिहासिक नाटक था। यह एकांकी मानव अस्तित्व और प्राकृतिक आवास में जीवित रहने के संघर्ष के प्रतीक के रूप में जाने जाने वाले दंडकारण्य के ऐतिहासिक और वीरतापूर्ण इतिहास की जानकारी वर्तमान पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास है।
‘शोध-ट्रिंग-ट्रिंग' : स्कूल ऑफ स्कॉलर्स ने नीता मिसाल द्वारा लिखित और निर्देशित बच्चों का नाटक ‘शोध-ट्रिंग-ट्रिंग' प्रस्तुत किया। टेलीफोन के आविष्कार ने दुनिया को एक-दूसरे के करीब ला दिया। लोग एक-दूसरे से संवाद करने लगे, लेकिन क्या यह संचार वास्तविक था? यह एक प्रश्न चिन्ह है। यह इस तथ्य पर टिप्पणी करता हुआ एक नाटक था कि आज लोगों के बीच संवाद खत्म हो गया है। सभी बच्चों ने इस नाटक को संजीदगी से प्रस्तुत किया।
‘राखेतून उडाला मोर' : बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए नाटक ‘राखेतून उडाला मोर' के लेखक डॉ. सतीश सालुंखे और निर्देशक चिन्मय देशकर हैं। कई गरीब बच्चे शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, लेकिन अपनी परिस्थितियों के कारण वे शिक्षा प्राप्त करने में असमर्थ होते हैं। कुछ बच्चे ऐसे बच्चों के जीवन में शिक्षा का वही आनंद जगाते हैं और स्वयं संतुष्ट हो जाते हैं।
Created On :   5 Jan 2025 9:24 PM IST