Nagpur News: अब तोतलाडोह में अवैध मछुआरों को पकड़ने नौसेना की लेंगे मदद

अब तोतलाडोह में अवैध मछुआरों को पकड़ने नौसेना की लेंगे मदद
  • हाईकोर्ट में वन विभाग की जानकारी
  • नावों को पूरे दिन तालाब में छुपाकर रखते हैं
  • रात में उन्हें बाहर निकालते हैं

Nagpur News जिले के तोतलाडोह क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध मछली पकड़ने का काम होता है। इस अवैध गतिविधि को रोकने के दौरान वन विभाग की टीमों पर बम हमले भी किए गए हैं। मछुआरे इतनी हिम्मत दिखा रहे हैं कि वे अपनी नावों को पूरे दिन तालाब में छुपाकर रखते हैं और रात में उन्हें बाहर निकालते हैं। इन सभी पर रोकथाम के लिए क्या किसी सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी से वन विभाग की टीमों को प्रशिक्षण दिलाया जा सकता है? इस बारे में वन विभाग विचार कर रहा है, ऐसी जानकारी गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में दी गई।

सुनवाई के दौरान बम हमले का भी जिक्र : उमरेड-करांडला अभयारण्य में पर्यटकों ने एफ-2 बाघिन और उसके पांच शावकों का रास्ता रोका था। इस पर नागपुर खंडपीठ ने गंभीरता से स्व: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दायर की और एड. सुधीर वोडीतेल को न्यायालय मित्र के रूप में नियुक्त किया। याचिका पर गुरुवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई। हाल ही में तोतलाडोह में वन विभाग की टीम पर बम हमला हुआ था। इस मामले में न्यायालय ने पूछा था कि इस हमले पर क्या कार्रवाई की गई और क्या उपाय किए गए। इसका जवाब देते हुए मुख्य सरकारी वकील तथा वरिष्ठ विधिज्ञ देवेन चौहान ने बताया कि वन विभाग सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारियों की मदद लेकर अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने की योजना बना रहा है। इसके अलावा, बम हमले में वन विभाग की नाव जल गई थी, और अब तक नई नाव नहीं मिली है। इसे जल्द से जल्द उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। तब तक गश्त के लिए किराए पर नाव उपलब्ध हो सकती है या नहीं, इस पर भी विचार किया जा रहा है, ऐसा भी चौहान ने न्यायालय को बताया।

आदिवासियों को सहयोगी बनाने का सुझाव : सुनवाई के दौरान एड. सुधीर वोडीतेल ने संरक्षित वन क्षेत्रों में अवैध शिकार, अवैध मछली पकड़ने, रेत, मुरुम के अवैध उत्खनन, पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए विभिन्न सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि जंगल में रहने वाले आदिवासियों को दूर रखने के बजाय उन्हें अपना सहयोगी बनाया जाए। उनसे ही गुप्त जानकारी मिल सकती है। इसके अलावा, संरक्षण के हर क्षेत्र में वन विभाग की मौजूदगी संभव नहीं है, इसलिए आदिवासियों को इस प्रयास में शामिल करना ही होगा। वन विभाग को इस विषय पर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, ऐसी सलाह वोडीतेल ने दी है। वन विभाग इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है और इसी विषय पर विभाग के मुख्य सचिव ने शुक्रवार 28 मार्च को एक बैठक बुलाई है, ऐसा चौहान ने न्यायालय को बताया।


Created On :   28 March 2025 11:32 AM IST

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