Nagpur News: आओ हाथ बढ़ाएं - निक्षय मित्र बन कर रहे टीबी मरीजों की सहायता, 100 दिन की क्षयरोग खोज मुहिम

आओ हाथ बढ़ाएं - निक्षय मित्र बन कर रहे टीबी मरीजों की सहायता, 100 दिन की क्षयरोग खोज मुहिम
  • मरीज खोजकर उपचार किया जाएगा
  • 6 निक्षय मित्रों ने 361 मरीजों का स्वीकारा पालकत्व

Nagpur News. सरकार द्वारा देश को टीबी मुक्त बनाने 100 दिन का क्षयरोग खोज अभियान शुरू किया गया है। नागपुर शहर में भी अभियान चल रहा है। शहर में करीब 5 हजार टीबी मरीज मौजूद है। इनमें से 3 हजार मरीज निजी अस्पताल में उपचार ले रहे हैं, लेकिन सरकारी अस्पतालों में उपचार लेने वाले करीब 2 हजार जरूरतमंद मरीजों को दवाइयों के साथ पोषाहार की जरूरत है। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से दिक्कतें आ रही हैं। जिससे 6 माह तक पोषाहार मुहैया कराने के लिए निक्षय मित्र पालकत्व अभियान आरंभ किया गया है। निक्षय मित्र में निजी औद्योगिक संस्था, समूह, नागरिक एवं स्वयंसेवी संस्था अपनी क्षमता के अनुरूप जरूरतमंद टीबी मरीज का पालकत्व स्वीकार कर 6 माह तक पोषक आहार दे सकते हैं। इसकी बदौलत मरीज को उपचार लेने में सुविधा होती है। अब तक करीब 361 मरीजों का पालकत्व स्वीकार किया गया है। मनपा प्रशासन ने नागरिकों और संस्थाओं से निक्षय मित्र अभियान में सहयोग करने का आह्वान किया है।

मरीज खोजकर उपचार किया जाएगा

7 दिसंबर से विश्व क्षयरोग दिन 24 मार्च तक 100 दिनों तक सतत क्षय रोग मरीज खोजकर उपचार किया जाएगा। 100 दिवसीय क्षयरोग खोज अभियान में देशभर के चयनित 347 जिलों समेत राज्य के 30 जिलों में अभियान चलाया जा रहा है। इस में उपराजधानी को भी शामिल किया गया है। शहर के क्षयरोगी की खोज कर उपचार आरंभ करने, क्षय रोगियों की मृत्यु दर कम करने, क्षय रोग का प्रमाण कम करने, वंचित एवं अति गंभीर समूह तक स्वास्थ्य सेवा आपूर्ति, क्षयरोग में जनजागृति कर कमजोर आर्थिक स्थिति वाले क्षय रोगियों को निक्षय मित्र की सहायता से पोषण आहार कीट वितरण कर दवाइयों को मुहैया कराकर स्वस्थ करने का लक्ष्य रखा गया है। 100 दिवसीय क्षयरोग खोज अभियान में अत्यधिक प्रभाव वाले में सर्वेक्षण करने, निक्षय शिविर, अनाथ आश्रम, वृध्दाश्रम, उद्योग संस्था, निवासी स्कूल, जेल में क्षय रोग जांच शिविर एवं स्थलांतरित, उच्च जोखिम ग्रस्त इलाके व वंचित समूह का भी सर्वेक्षण किया जाएगा।

मदद के लिए आगे बढ़े कई हाथ

निक्षय मित्र अभियान में महानगरपालिका से 14000 फूड बास्केट क्षय रोग मरीजों को दी जा रही है। इसके साथ ही पगारिया समूह के उज्ज्वल पगारिया, पुरुषोत्तम भोसले सेवा फाउंडेशन, मेडिकल कॉलेज चौक, आकाश सपेलकर, नानक धनवानी, सहयोग फाउंडेशन, गरज फाउंडेशन, सूद चॅरीटेबल फाउंडेशन, सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र जिचकार, चारुशिला रोहणे, डॉ. राऊत (उमेश बाजुरकर), स्व. प्रभाकर राव दटके स्मृति सेवा संस्था, भास्कर पराते, (रुपाली दीपक पराते) पूर्व नगरसेवक सुनील अग्रवाल, डॉ. ग्रीष्मा डिंग्रा, हरनीत सिंह सुरी, रोटरी क्लब, मनीष सोनी, सोनी समाज मित्र मंडल, राजेश अग्रवाल, डॉ. प्रज्ञा गजभिए, इंदौरा के डॉ. बाबासाहब आंबेडकर हॉस्पिटल की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नाजिया ईरीयात, डॉ. नमिता, डॉ. नितीन शेंडे निक्षय मित्र के रूप में सहयोग दे चुके हैं।

6 निक्षय मित्रों ने 361 मरीजों का स्वीकारा पालकत्व : पगारिया समूह के उज्जवल पगारिया-250 मरीज, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस-100 मरीज, इंदौरा के डॉ. बाबासाहब आंबेडकर हॉस्पिटल की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रज्ञा गजभिये-2 मरीज, डॉ. नाजिया ईरीयात-2 मरीज, डॉ. नमिता कोरवाड़े- 2 मरीज, डॉ. नितीन शेंडे-5 मरीज,

ऐसी है राशन किट

3 किलो चावल और मिलेट्स

डेढ़ किलो दाल

250 ग्राम खाने का तेल

1 किलो मूंगफली अथवा दूध पावडर

250 ग्राम सोयावड़ी

30 नग अंडे

अतिरिक्त पोषण के रूप में सब्जी, फल, विटामिन बी

नागरिकों से अभियान में

सहयोग की अपील

डॉ. शिल्पा जिचकार शहरी क्षयरोग अधिकारी, मनपा के मुताबिक प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान का आरंभ किया गया है। इसमें टीबी मरीज और परिजनों का पालकत्व लेकर पोषक आहार मुहैया कराया जा सकता है। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने शहर में 100 मरीजों का पालकत्व स्वीकार किया है। सामान्य नागरिक और संस्था भी अभियान में सहयोग कर सकते है।

Created On :   26 Dec 2024 7:25 PM IST

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