Nagpur News: अंतत: 12 साल की पीड़िता को कोर्ट ने दी गर्भपात की अनुमति

अंतत: 12 साल की पीड़िता को कोर्ट ने दी गर्भपात की अनुमति
  • मेडिकल बोर्ड गठित कर पीड़िता की जांच की गई
  • पड़ोसी की हरकत से शर्मसार हुए परिजन
  • बच्चे क साथ खेलने आती थी बच्ची

Nagpur News पड़ोस में रहने वाले एक व्यक्ति द्वारा दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न की शिकार बनी 12 वर्षीय पीड़िता ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ में गर्भपात की अनुमति के लिए गुहार लगाई थी। यह पीड़िता एक गरीब परिवार से है और सातवीं कक्षा में पढ़ रही है। उसने हाई कोर्ट की कानूनी सहायता समिति से कानूनी मदद मांगी थी। कोर्ट ने इस मामले में मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का आधार लेते हुए इस 12 साल की पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति दी। न्या. भारती डांगरे और न्या. अभय मंत्री ने यह फैसला दिया।

आरोपी के बेटे के साथ खेलने जाती थी याचिका के मुताबिक, आरोपी काे छोटा बच्चा है, इसलिए पीड़िता स्कूल से छूटने के बाद उसके बच्चे के साथ खेलने उसके घर जाती थी। इसी का आरोपी ने फायदा उठाया। जब भी पीड़िता आरोपी के बेटे के साथ खेलने के लिए उसके घर जाती थी, तो आरोपी पीड़िता के साथ यौन उत्पीड़न करता था। साथ ही इस बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी। डर से पीड़िता ने इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताया। कुछ दिन पहले पीड़िता घरवालों के साथ रिश्तेदार के यहां गई थी। उस दौरान पीड़िता के पेट में अचानक दर्द उठा। घरवाले उसे पास के ही अस्पताल में लेकर गए। वहां मेडिकल जांच से पता चला कि वह गर्भवती है। बाद में पीड़िता को नागपुर मेडिकल में भर्ती कराया गया और आरोपी के खिलाफ 17 सितंबर को वर्धा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई गई। बाद में मामला नागपुर के अजनी पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया गया। इस मामले में पीड़िता ने 26 सप्ताह का गर्भपात कराने की अनुमति के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

मेडिकल बोर्ड ने सौंपी रिपोर्ट : सुनवाई में पीड़िता का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने मेडिकल के चिकित्सा अधिकारियों को मेडिकल बोर्ड गठित कर पीड़िता की जांच करने और कोर्ट में रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए थे। मेडिकल बोर्ड ने जांच के बाद कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि पीड़िता गर्भपात के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ है। इसलिए मेडिकल बोर्ड पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति देता है। इस रिपोर्ट का आधार लेते हुए कोर्ट ने पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति देते हुए जल्द से जल्द यह प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए। साथ ही इस याचिका निपटारा किया। पीड़िता की ओर से एड. स्वीटी भाटिया और राज्य सरकार की ओर से मुख्य सरकारी वकील एवं वरिष्ठ विधिज्ञ देवेन चौहान ने पैरवी की।

Created On :   30 Sept 2024 5:58 AM GMT

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