Mumbai News: बड़े नेता की समझाइश बेअसर, इसलिए पंकजा पर दबाव की राजनीति

बड़े नेता की समझाइश बेअसर, इसलिए पंकजा पर दबाव की राजनीति
  • भाजपा में चल रही चर्चा, बावनकुले की महत्वपूर्ण भूमिका
  • मंत्री मुंडे को राजनीतिक तौर से घेरा जा रहा है

Mumbai News. अन्न आपूर्ति मंत्री धनंजय मुंडे व विधायक सुरेश धस की मुलाकात को लेकर चल रही विविध चर्चाओं के बीच पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे भी अचानक चर्चा में है। दावा किया जा रहा है कि पंकजा पर दबाव लाने की राजनीति के तहत भाजपा के नेताओं ने धनंजय मुंडे व सुरेश धस की भेंट करायी है। इस सारे घटनाक्रम का केंद्र नागपुर में हैं। इसी सप्ताह पंकजा को नागपुर में बड़े नेता ने समझाइस दी थी। बयानों की राजनीति से बचने को कहा था। लेकिन पंकजा ने समझाइस देनेवाले नेता को ही तल्ख शब्दों में जवाब दे दिया। उसके बाद संगठन में उच्च स्तर पर सूचना देकर पंकजा पर राजनीतिक दबाव लाने की रणनीति पर काम होने लगा। दावा किया जा रहा है कि इस मामले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले की भूमिका महत्वपूर्ण है।

क्या है मामला

बीड़ में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले को लेकर मंत्री मुंडे को राजनीतिक तौर से घेरा जा रहा है। एनसीपी अजित गुट के मंत्री धनंजय को लेकर एनसीपी व भाजपा के विरोध के स्वर सुने जा रहे है। मंत्री पद से इस्तीफे की मांग की जा रही है। भाजपा के विधायक सुरेश धस लगातार ऐसे बयान दिये जा रहे हैं जिनसे धनंजय मुंडे का राजनीतिक संकट बढ़ने की आशंका व्यक्त की जाती है। लेकिन दो दिन पहले धनंजय मुंडे व सुरेश धस के बीच भोजन बैठक हुई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने मध्यस्थता की। इस मामले को पंकजा की नाराजगी से भी जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल,पंकजा व धनंजय के बीच राजनीतिक स्पर्धा चलती रही है। सुरेश धस , पंकजा के समर्थक हैं। ऐसे में कयास लगाते जा रहे हैं कि धस के माध्यम से पंकजा, धनंजय की परेशानी बढ़ाने का प्रयास कर रही है। बीड का पालकमंत्री नहीं बनाया जाना भी पंकजा की नाराजगी का कारण रहा है। इस बीच नाशिक में पंकजा के पिता के समर्थकों की पार्टी बन जाने की स्थिति संबंधी बयान ने भाजपा के कुछ नेताओं को असहज कर दिया।

प्रयास विफल

भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार गुरुवार 11 फरवरी को सरकारी कार्यक्रम के बहाने पंकजा को नागपुर में बुलाया गया था। उन्हें बड़े नेता की ओर से समझाइस दी गई कि वे अपनी नाराजगी पर नियंत्रण रखे। भाजपा के पुराने 2 से 3 पुराने असंतुष्ट नेताओं से राजनीतिक विषय में संबंध न रखे। धनंजय मामले को महायुति के नेताओं के विचार विमर्श के लिए छोड़ दें। ओबीसी-मराठा की राजनीति में फिलहाल कोई भागीदारी न रखे। केवल मंत्री की भूमिका को निभाएं। लेकिन पंकजा ने बड़े नेता को ही विचार व विरासत के नाम पर तल्ख शब्दों में बातें सुना दी। लिहाजा, नागपुर से लाैटने के बाद पंकजा पर भाजपा में दबाव की राजनीति पर काम किया जाने लगा। दबाव की राजनीति के संबंध में आनेवाले दिनों में स्थिति स्पष्ट हो सकती है।

Created On :   16 Feb 2025 10:07 PM IST

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