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नागपुर: महिलाओं-बच्चियों के खिलाफ बढ़ता अपराध बड़ी चुनौती, सीपी सिंगल ने बताया क्राइम मुक्त महानगर का फार्मुला
- 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी है डॉ. सिंगल
- दैनिक भास्कर से खास मुलाकात
- सोशल मीडिया पर पोस्ट से पहले जरा सोचें
डिजिटल डेस्क, नागपुर। 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी डॉ. रवींद्र कुमार सिंगल बतौर आयुक्त (सीपी) उपराजधानी को क्राइम मुक्त बनाना चाहते हैं। उन्होंने दैनिक भास्कर से खास मुलाकात के दौरान कहा कि महिलाओं और खासकर बच्चियों के खिलाफ महानगर में अपराध बढ़ा है। इसके अलावा साइबर क्राइम के मामले भी बड़ी चुनौती हैं। डॉ. रवींद्र कुमार सिंगल ने कहा कि हमने एक मुहिम शुरु की है, जिसके तहत सोशल मीडिया पर खास नजर रखी जा रही है, कहा जा सकता है कि सोशल पेट्रोलिंग जारी है, इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि नेम-फेम के चक्कर में अपशब्दों और अश्लीलता का इस्तेमाल करते हुए कोई वीडियो तो नहीं बना रहा है। युवाओं में रील्स बनाने का क्रेज है, लेकिन सामाजिक सीमा का ध्यान रखना भी जरूरी है।
कोई गानों पर कोई फिल्मी डायलॉग पर वीडियो क्रीएट करता है, मशहूर होने के चक्कर में अपशब्द और अश्लीलता परोसी जा रही है। ऐसे लोगों को सुधारने के लिए पुलिस की साइबर मॉनिटरिंग सेल को जिम्मा सौंपा गया है। सोशल मीडिया पर अपलोड किए जाने वाले किसी भी अपमानजनक, अपशब्द या धमकी भरे रील या वीडियो के खिलाफ शून्य सहिष्णुता (जीरो टॉलरेंस) के साथ कार्य करना सीपी रवींद्र सिंगल की रणनीति का अहम हिस्सा है।
अबतक का सफर
डॉ. सिंगल इससे पहले भी संतरानगरी में सेवाएं दे चुके हैं। उनके पास इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री है। इसके साथ ही प्रबंधन विज्ञान और भीड़ प्रबंधन में एलएलबी और पीएचडी की डिग्री है। उन्होंने 1998 में सांगली में सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के रूप में अपना करियर शुरू किया था। इसके बाद 2000 में अमरावती में डीसीपी मुख्यालय और डीसीपी (शहर) की जिम्मेदारी निभाईं। पहली स्वतंत्र पोस्टिंग पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में हुई थी।
2002 में नासिक, उसके बाद 2004 में एसपी के रूप में धुले में स्थानांतरण हुआ।
2005 से 2007 तक प्रतिनियुक्ति पर संयुक्त राष्ट्र की यूएन कोसोवो टीम में कार्य किया।
2007 में नांदेड़ के एसपी बने
2009 में नागपुर में सरकारी रेलवे पुलिस के एसपी की जिम्मेदारी निभाई।
2010 में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के रूप में कार्य किया
2014 में ठाणे में अतिरिक्त सीपी (अपराध) के रूप में नियुक्ति हुई
2015 में मुंबई में आईजीपी पुलिस मुख्यालय की भूमिका निभाई
2016 में नासिक के सीपी बने
2019 से 2020 तक औरंगाबाद रेंज के आईजीपी बने
2020 से 2023 तक लीगल मेट्रोलॉजी के नियंत्रक के रूप में नियुक्त किए गए।
उपराजधानी आने से पहले डॉ. सिंगल ने महाराष्ट्र के एडीजी ट्रैफिक के रूप में कार्य किया। उल्लेखनीय रूप से, 51 वर्ष की आयु में उन्होंने 26 अगस्त, 2018 को फ्रांस के विची में आयरनमैन का खिताब जीता। यह उनके करियर में बड़ी उपलब्धि रही।
डॉ. रवींद्र कुमार सिंगल का कहना है कि संतरानगरी देश के मध्य स्थित है, देश में इस महानगर का प्रभाव भी अलग ही है। शहर को अपराध मुक्त बनाने के लिए बड़ी पहले की जरूरत है, इसके लिए उनका विभाग शिद्दत से काम में जुट गया है।
Created On :   13 March 2024 8:42 PM IST