Nagpur News: जेल में एग्जाम - इस बार 235 कैदी परीक्षार्थी, कर रहे बीए-एमए-वीडियोग्राफी और डिप्लोमा

जेल में एग्जाम - इस बार 235 कैदी परीक्षार्थी, कर रहे बीए-एमए-वीडियोग्राफी और डिप्लोमा
  • सजायाफ्ता कैदी कर रहे बीए, एमए, वीडियोग्राफी के साथ डिप्लोमा इन हॉस्पिटैलिटी व टूरिज्म मैनेजमेंट का कोर्स
  • यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विद्यापीठ में 175 और इग्नू में 60 ने लिया एडमिशन

Nagpur News. अभय यादव। राज्य की जेलों में बंद कैदियों को जीवन की मुख्य धारा में लाने के उद्देश्य से उन्हें शिक्षा के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिसके तहत जो कैदी जेल में रहकर पढ़ाई करना चाहते हैं, उनके लिए राज्य में यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विद्यापीठ और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने बीड़ा उठाया है। दोनों संस्थानों की ओर से राज्य की केंद्रीय व जिला जेलों में बंद कैदियों के लिए शिक्षा देने के अभियान के तहत उन्हें पढ़ाई करने का अवसर दिया जा रहा है। जिससे जेल से अपनी सजा पूरा करने के बाद बाहर जाएं तो उन्हें यह पढ़ाई काम आ सके।

नागपुर की सेंट्रल जेल में इस वर्ष 235 कैदियों ने वर्ष 2025 में होने वाली परीक्षा के लिए प्रवेश लिया है। केंद्रीय कारागृह में बंद कैदियों को नि:शुल्क पढ़ाने का कदम इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) ने सबसे पहले कदम उठाया है। इस पहल में यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विद्यापीठ भी शामिल हो गया है। नागपुर की सेंट्रल जेल में बंद 235 कैदियों ने बीए , एमए, पीजी, डिजीटल फोटोग्राफी, सैलून टेक्नीशियन, वीडियो प्रोडक्शन, अखबार व जनसंज्ञापन, स्वास्थ्य मित्र, डिप्लोमा इन हॉस्पिटैलिटी, डिप्लोमा इन ट्रैवल्स एंड टूरिज्म मैनेजमेंट, ह्यूमन राइट, किसान उत्पादक कंपनी व्यवस्थापन, वाटर मैनेजमेंट आदि जैसे प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों के अलावा अन्य विषयों की पढ़ाई करने प्रवेश ले चुके हैं।

विविध पाठयक्रमों में लिया है प्रवेश : सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस समय नागपुर सेंट्रल जेल में 235 कैदियों ने विविध पाठयक्रमों में प्रवेश लिया है। कुछ ही माह में परीक्षा की तैयारी शुरू करेंगे। इसमें यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विद्यापीठ में 175 और इग्नू में 60 कैदी प्रवेश लेकर पढ़ाई शुरू की है। इग्नू कोर्सेस के अंतर्गत बारहवीं के बाद बीए में 10 , एमए में 34, इग्नू पीजी में 6, इग्नू नार्मल कोर्सेस में 10 सहित करीब 60 कैदी पढ़ाई के लिए प्रवेश ले चुके हैं। यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विद्यापीठ में 127 कैदियों ने प्रवेश लिया है। जिसमें प्लेन कोर्सेस के लिए 10, डिजीटल फोटोग्राफी के लिए 15, सैलून टेक्निशियन कोर्स में 29, स्वास्थ्य मित्र में 31, अखबार व जनसंज्ञापन में 5, डिप्लोमा इन हास्पीटलिटी- ट्रैवल्स टूरिज्म मैनेजमेंट में 9, शेतकरी उत्पादक कंपनी व्यवस्थापन में 3, ह्मूमन राइट में 1, वीडियो प्रोडक्शन में 9, वाटर मैनेजमेंट में 25 कैदियों ने प्रवेश लिया है।

दो महिला कैदी भी कर रहीं बीए-एमए की पढ़ाई : जेल में बंद कैदियों को आगे की पढ़ाई के लिए जेल अधीक्षक वैभव आगे का प्रयास रंग ला रहा है। अभी तक पुरुष कैदियों की संख्या ही सबसे अधिक रही है, लेकिन अधीक्षक आगे ने इस दिशा में महिला कैदियों को भी पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया है।

याकूब मेमन ने नागपुर की जेल में ली थी दो डिग्रियां : याकूब मेमन ने जेल में रहते हुए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से दो मास्टर डिग्री हासिल की थी। जिसमें उसने वर्ष 2013 में अंग्रेज़ी साहित्य में मास्टर डिग्री और वर्ष 2014 में राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की थी। याकूब मेमन को आतंकवाद के दोष में वर्ष 2015 में नागपुर की सेंट्रल जेल में फांसी दी गई थी। वह वर्ष 2015 तक भारत में फांसी पानेवाला अंतिम व्यक्ति था।

इन्हें भी है मुख्य धारा में आने का अधिकार

वैभव आगे, अधीक्षक , सेंट्रल जेल के मुताबिक इनका मानना है कि कोई भी जान बूझकर अपराध की दलदल में नहीं जाता। किसी की कोई न कोई मजबूरी होती होगी जो उसे अपराध की दलदल में ढकेल देती है। कुछ ऐसे भी लोग जरूर है जो न चाहते हुए भी अपराधी बनने पर मजबूर हुए होेंगे। ऐसे लोगों को समाज की मुख्य धारा में आने का अधिकार है। जेलों में कैदियों की शिक्षा को लेकर शासन ने अनूठी पहल शुरू की है। जिससे कि जेल से बाहर जाने के बाद कैदी समाज की मुख्य धारा से खुद को जोड़ सके।

Created On :   12 Jan 2025 9:16 PM IST

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