हाईकोर्ट: शिक्षा विभाग के दोहरे मापदंड पर लगी फटकार, भर्ती के लिए और केवल 345 पात्र

शिक्षा विभाग के दोहरे मापदंड पर लगी फटकार, भर्ती के लिए और केवल 345 पात्र
विज्ञापन 501 शिक्षकों की भर्ती के लिए और केवल 345 पात्र

डिजिटल डेस्क, नागपुर. जिला परिषद के शिक्षकों के रिक्त पदों को लेकर बाॅम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि एक ओर राज्य सरकार सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने के लिए, जिला परिषद स्कूल संचालित करने और शिक्षा का अधिकार लागू करने के लिए बाध्य होने की बात करता है। वही, दूसरी ओर ऐसी स्थिति बनाई जाती है कि बरसों तक शिक्षकों के पद खाली पड़े रहें। कोर्ट ने राज्य सरकार और शिक्षा विभाग के इस दोहरे मापदंड पर जमकर फटकार लगाई है।

सिर्फ 70 प्रतिशत पद भरने पर मांगा स्पष्टीकरण

सरकार द्वारा जारी शासन निर्णय के अनुसार, शिक्षकों के कुल रिक्त पदों में से सिर्फ 70 प्रतिशत पद भरने के लिए विज्ञापन जारी किया गया। कोर्ट ने राज्य सरकार के मंशा पर सवाल उठाते हुए सिर्फ 70 प्रतिशत ही पद भरने को लेकर अपनी भूमिका स्पष्ट करने के आदेश दिए। साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार के इस फैसले से जिला परिषद के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

पवित्र पोर्टल और बैकवर्ड सेल एकीकृत करना आवश्यक

कोर्ट ने यह भी कहा कि शिक्षकों के पद भर्ती के इस्तेमाल किए जा रहे पवित्र पोर्टल के साथ स्टाफिंग पैटर्न और बैकवर्ड सेल को एकीकृत करना आवश्यक है, ताकि प्रबंधन का हस्तक्षेप न्यूनतम किया जाए और एक ही पोर्टल पर संपूर्ण पद उपलब्ध हों। जिस पर कम से कम समय में काम किया जाएगा। फलस्वरूप शिक्षकों की उपलब्धता बनी रहेगी और बच्चों को शिक्षा से वंचित नहीं होना पड़ेगा।

याचिका में यह मांग

राष्ट्रीय पंचायत राज ग्राम प्रधान सरपंच एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रपाल चौकसे ने इस संबंध में याचिका दायर की है। मांग की है कि नागपुर जिला परिषद के सैकड़ों रिक्त पदों पर सेवानिवृत्त शिक्षकों के बजाय ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को शिक्षा स्वयंसेवक के रूप में नियुक्ति की जाए और इनके मानधन के लिए प्रधानमंत्री खनिज कल्याण क्षेत्र की निधि आवंटित करने जिलाधिकारी को आदेश दिए जाएं। इसके पहले भी कोर्ट ने शिक्षकों के रिक्त पदों को लेकर सरकार को जमकर फटकार लगाई थी। इसी के चलते पिछली सुनवाई में राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि पवित्र पोर्टल के माध्यम से नागपुर जिला परिषद के प्राथमिक विद्यालय शिक्षकों के सैकड़ों रिक्त पदों पर शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 501 शिक्षकों के पद भरने के लिए विज्ञापन भी जारी कर दिए गए हैं। यह प्रक्रिया एक माह के भीतर पूरी हो जाएगी और नए शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले नए शिक्षक उपलब्ध हो जाएंगे। इस पर कोर्ट ने आदेश दिया कि राज्य सरकार यह जानकारी लिखित रूप में पेश करे।

अगली सुनवाई 8 मार्च को

मामले पर न्या. अविनाश घरोटे और न्या. मुकुलिका जवलकर के समक्ष सुनवाई हुई। तब राज्य सरकार ने कोर्ट में शपथ-पत्र दायर करते हुए बताया कि नागपुर जिला परिषद के 501 शिक्षकों के पदों के लिए विज्ञापन निकाला गया और उनमें से 345 शिक्षकों को पात्र ठहराया गया। विज्ञापन के अनुसार देखा जाए तो 151 पद फिर भी रिक्त हैं। इसलिए कोर्ट ने शिक्षकों के रिक्त पदों को लेकर नाराजगी जताई। याचिकाकर्ता की ओर से एड. श्रीरंग भांडारकर और राज्य सरकार की ओर से एड. संगिता जाचक ने पैरवी की। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई 8 मार्च को निश्चित की है।

Created On :   4 March 2024 2:56 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story