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मतदान: निर्वाचन आयोग की लाख काेशिशों के बाद भी नागपुर में 54, रामटेक में 59% ही मतदान
- जिला प्रशासन के मिशन डिस्टिंक्शन को लगा झटका
- मतदाताओं का ध्यान आकर्षित करने थीम पर की सजावट
- जिलाधिकारी ने कुछ केन्द्रों का किया दौरा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। निर्वाचन आयोग की लाख काेशिशों के बाद भी लोकतंत्र के इस महापर्व को जिले से अपेक्षाकृत प्रतिसाद नहीं मिला। शाम 6 बजे तक नागपुर लोकसभा सीट पर औसत 54.46 फीसदी व रामटेक सीट पर करीब 59.58 फीसदी मतदान हुआ। 2019 के नागपुर लोस चुनाव में करीब 54 प्रति. मतदान हुआ था। मतदान कम होने से जिला प्रशासन के मिशन डिस्टिंक्शन (75 फीसदी) को जोर का झटका लगा है। जिले में मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। कहीं से अप्रिय घटना की जानकारी नहीं मिली। मतदाताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन के माध्यम से शहर में कई मतदान केंद्रों का निर्माण सामाजिक व सांस्कृतिक विरासत को ध्यान में रखकर कराया गया था। इसमें हथकरघा, बांस, आदिवासी, खेल, युवा एवं अन्य केन्द्रों ने ध्यान आकर्षित किया। सामाजिक न्याय के संदर्भ में, विकलांग लोगों के लिए विशेष वाहन, व्हीलचेयर की व्यवस्था, तृतीयपंथियों के लिए रेनबो थीम वाले मतदान केंद्र बनाए गए।
सीसीटीवी कैमरे लगाए गए :जिलाधीश व जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ. विपिन इटनकर ने कुछ मतदान केंद्रों का दौरा किया और मतदाताओं से बातचीत की। युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों ने उत्साहपूर्वक प्रतिक्रिया दी। नागपुर और रामटेक लोकसभा क्षेत्रों के अति संवेदनशील केंद्रों को ध्यान में रखते हुए, सीसीटीवी कैमरों को जिलाधीश कार्यालय स्थित बचत भवन से सावधानीपूर्वक नियंत्रित किया गया था। इसके लिए स्वतंत्र सॉफ्टवेयर और कंप्यूटर विशेषज्ञों को नियुक्त किया गया। चुनाव निरीक्षक विपुल बंसल ने स्वयं प्रत्येक विभाग का दौरा किया और इस बात पर जोर दिया कि चुनाव पूर्ण एवं भयमुक्त वातावरण में कराया जाए।
पुलिस की कड़ी व्यवस्था : नागपुर के साथ-साथ रामटेक लोकसभा क्षेत्र में पुलिस विभाग की कड़ी सुरक्षा देखी गई। शहरी और ग्रामीण इलाकों के पुलिस मतदान केंद्रों पर पर्याप्त पुलिस बल की मौजूदगी देखी गई। दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर की व्यवस्था की गई। नागपुर के साथ-साथ रामटेक लोकसभा क्षेत्र के नागरिकों ने इस सुविधा का लाभ उठाया।
उम्मीदवार : नागपुर के लिए 26 और रामटेक के लिए 28 उम्मीदवार मैदान में हैं।
वोटिंग कम हाेने के प्रमुख कारण
करीब 2 लाख मृतकों के नाम वोटिंग लिस्ट में हैं
10-20 साल पहले जो लोग दूसरी जगह (शिफ्ट) हो गए, उनके नाम भी वोटर लिस्ट में हैं।
एक लाख से ज्यादा लोग ऐसे रहे, जिनके नाम वोटर लिस्ट से गायब हाे गए।
तेज धूप के कारण वोटर घर से मतदान केंद्र तक नहीं पहुंचे।
उम्मीदवारों व वोटिंग करने के प्रति वोटरों में बहुत ज्यादा उत्साह दिखाई नहीं दिया।
Created On :   20 April 2024 9:04 AM GMT