अब राहत: एजोला मॉस्किटो फर्न से होगा मच्छरों पर नियंत्रण, मिलेगी बीमारी से निजात

एजोला मॉस्किटो फर्न से होगा मच्छरों पर नियंत्रण, मिलेगी बीमारी से निजात
  • डेंगू, चिकनगुनिया के फैलाव में आएगी कमी
  • मानसून में बढ़ जाता है मच्छरों का प्रकोप
  • दुर्लभ पौधे से मच्छर नियंत्रण पर अनुसंधान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मानसून में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। डेंगू और चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारियां फैलती हैं। फिलहाल नागपुर शहर में डेंगू और चिकनगुनिया का संक्रमण तेज है। इस गंभीर समस्या पर नागपुर विश्वविद्यालय और अर्जुनी मोरगांव के एस. एस. जयस्वाल कॉलेज ने समाधान ढूंढ लिया है। इन्होंने एजोला "मॉस्किटो फर्न' इस दुर्लभ पौधे से मच्छर नियंत्रण पर अनुसंधान किया है। इस अनुसंधान से शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छरों के प्रकोप पर नियंत्रण कर डेंगू, चिकन गुनिया जैसी गंभीर बीमारियों का फैलाव कम करना संभव होगा।

हजारों साल पहले उपयोग, अब उपेक्षित ः एजोला मानव जीवन के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को नियंत्रित करने के लिए भी उपयोगी पौधा है। इसके विभिन्न उपयोग मनुष्य के लिए लाभदायक हैं। लेकिन सरल और तेजी से बढ़ने वाला पौधा पूरी तरह से उपेक्षित है। इस पौधे का उपयोग हजारों साल पहले चावल की फसलों के लिए जैविक उर्वरक के रूप में और खरपतवारों के प्रभाव को कम करने के लिए भी किया जाता रहा है। इसका प्रमाण 540वीं शताब्दी में जिया सू (जिया सी एक्स) द्वारा लिखी गई एक किताब में मिलता है। इसके अलावा, एजोला पौधे के विभिन्न उपयोगों को जनता द्वारा बड़े पैमाने पर उपेक्षित किया गया है।

डॉ. देशमुख, डॉ. ढोबले की अभिनव पहल ः एजोला पौधे के महत्वपूर्ण उपयोग को ध्यान में रखते हुए गोंदिया जिले के अर्जुनी मोरगांव के एस. एस. जयस्वाल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग प्रमुख डाॅ. शरद देशमुख एवं नागपुर विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डाॅ. संजय ढोबले ने संयुक्त उद्यम के माध्यम से अनुसंधान करने का निर्णय लिया। उस संबंध में अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ, नागपुर विश्वविद्यालय को एक शोध प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था और इस पौधे के महत्व को देखते हुए विश्वविद्यालय द्वारा इसे स्वीकार कर लिया।

Created On :   6 Aug 2024 7:13 AM GMT

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