सदन: महाराष्ट्र के सार्वजनिक पुस्तकालयों को विशेष वित्तीय सहायता और विशेष किसान हेल्पलाइन की मांग

महाराष्ट्र के सार्वजनिक पुस्तकालयों को विशेष वित्तीय सहायता और विशेष किसान हेल्पलाइन की मांग
  • सांसद महाडिक ने राज्यसभा में पुस्तकालयों को विशेष वित्तीय सहायता की मांग की
  • किसानों को निराशा की गर्त से बाहर निकालने एक विशेष किसान हेल्पलाइन शुरू किया जाए
  • आयुष्मान भारत योजना में देश के 3,029 ट्रांसजेंडर पंजीकृत
  • मोबाइल फोन का इस्तेमाल किफायती बनाने उपाय करे सरकार : गणेश सिंह

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र राज्यसभा सदस्य धनंजय महाडिक ने सदन में सरकार से राज्य के सार्वजनिक पुस्तकालयों को विशेष वित्तीय सहायता प्रदान करने की मांग की। उन्होंने इस मुद्दे को उठाते हुए सदन को बताया कि महाराष्ट्र में 11,000 से अधिक सार्वजनिक पुस्तकालय हैं। महाराष्ट्र सरकार ने वित्त मंत्रालय को डीपीआर के साथ एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें 469.38 करोड़ रुपये की विशेष सहायता की मांग की गई है। केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को इसलिए ठुकरा दिया कि यह दिशा-निर्देशों के अनुरुप नहीं है और सुझाव दिया है कि सहायता केवल ग्राम पंचायत और नगरपालिका वार्डों में नए पुस्तकालय स्थापित करने के लिए उपलब्ध है। सांसद महाडिक ने कहा कि यह प्रस्ताव राज्य के मौजूदा 11,322 सार्वजनिक पुस्ताकलयों के लिए है। इन पुस्तकालयों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए सहायता की आवश्यकता है। राज्य सरकार इन पुस्तकालयों को वार्षिक रखरखाव के लिए अनुदान देती है। इसलिए नए पुस्तकालय स्थापित करना संभव नहीं है। लिहाजा सरकार से अनुरोध है कि वह सहायता की श र्तों पर पुन र्वाचार करे और इस मुद्दे का शीघ्र समाधान करके राज्य को वित्तीय सहायता प्रदान की जाए।


किसानों को निराशा की गर्त से बाहर निकालने एक विशेष किसान हेल्पलाइन शुरू किया जाए

उधर राज्यसभा सदस्य डॉ भागवत कराड ने मराठवाडा में किसानों की आत्महत्याओं में लगातार हो रही बढ़ोतरी की ओर सदन का ध्यान आकर्षित करते हुए उनको निराशा की गर्त से बाहर निकालने के लिए सरकार से तत्काल और ठोस कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य मिशन के तहत एक विशेष किसान हेल्पलाइन शुरू करें ताकि उन्हें इससे जरूरी मनोवैज्ञानिक सहायता और परामर्श मिलेगा। सांसद डॉ कराड ने कहा कि सूखे, कर्ज और आर्थिक अस्थिरता से त्रस्त मराठवाडा में किसानों की आत्महत्याओं की संख्या में चिंताजनक इजाफा हो रहा है। भारत में हर साल 10,000 से अधिक किसान आत्महत्या करते हैं, जिसमें मराठवाड़ा के किसानों की संख्या सबसे अधिक है। व र्ष 2023 की पहली छमाही में ही यहां 500 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की, जो कृषक समुदाय में तीव्र संकट को उजागर करता है। इन आत्महत्याओं के पीछे अवसाद और वित्तीय निराशा मुख्य कारण हैं। फसल खराब होने और बाजार की कीमतों में उतार-चढाव के कारण कर्ज के चक्र में फंसे किसान अक्सर कोई रास्ता नहीं खोज पाते। पर्याप्त मानसिक स्वास्थ्य सहायता की कमी उनकी दु र्दशा को और बढ़ा देती है और मौत को गले लगा लेते है। सरकार अगर एक विशेष किसान हेल्पलाइन शुरु करती है तो यह संकटग्रस्त किसानों, किसान परिवारों के लिए जीवन रेखा के रूप में काम कर सकती है, जिससे उन्हें अपने संघर्षों को साझा करने और पेशेवर मदद प्राप्त करने का एक मंच मिल सकता है। लिहाजा सरकार से आग्रह है कि वह इस पर गौर करें।

आयुष्मान भारत योजना में देश के 3,029 ट्रांसजेंडर पंजीकृत

इसके अलावा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत देश में अभी कुल 3,029 सत्यापित उभयलिंगी (ट्रांसजेंडर) लाभार्थी शामिल हैं। इनमें सबसे 636 उभयलिंगी आन्ध्रप्रदेश में शामिल किए हैं तो 594 उभयलिंगी के साथ महाराष्ट्र नंबर दो पर है। यह जानकारी केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने मंगलवार को राज्यसभा में कांग्रेस सांसद मुकुल वासनिक के सवाल के लिखित जवाब में दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय (एमओएसजेई) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को आजीविका और उद्यम के लिए हाशिए पर रह रहे व्यक्तियों के लिए सहायता (स्माईल) उप-योजना ‘ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण के लिए व्यापक पुनर्वास के लिए केन्द्रीय क्षेत्र योजना’ के अंर्तगत एबी-पीएमजेएवाई का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन लाभार्थियों को स्वास्थ्य लाभ पैकेज 2022 के अनुसार कैशलेस स्वास्थ्य सेवाएं मिलती है। इसके अलावा ये लाभार्थी योेजना के तहत अतिरिक्त ट्रांसजेडर विशिष्ट उपचार के लिए भी पात्र हैं। इस योजना में सबसे ज्यादा 636 सत्यापित उभयलिंगी आन्ध्रप्रदेश में पंजीकृत हैं। महाराष्ट्र में ऐसे उभयलिंगी की संख्या 594 है तो मध्यप्रदेश मं सिर्फ 44 उभयलिंगी। कर्नाटक में 258 तो गुजरात में 320 उभयलिंगी इस योजना में पंजीकृत हैं।

मोबाइल फोन का इस्तेमाल किफायती बनाने उपाय करे सरकार : गणेश सिंह

मध्य प्रदेश के सतना से सांसद गणेश सिंह ने देश में मोबाइल फोन की कॉलिंग दर में लगातार हो रही वृद्धि पर चिंता जताई है और केन्द्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से आग्रह किया है कि सरकार मोबाइल खर्च को कम करने के लिए सस्ता प्लान लाने का उपाय निकाले। सिंह ने यह मसला मंगलवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान उठाया। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में मोबाइल फोन सबसे बड़ी जरूरत के रूप में सामने आया है। अब तो शासकीय व निजी दस्तावेजों में मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया गया है तथा शासन की अधिकांश हितग्राही योजनाओं का लाभ मोबाइल नंबर के माध्यम से दिया जाता है। लेकिन मोबाइल फोन की कॉलिंग दर के लगातार बढ़ने से ग्रामीण जन परेशान हैं। कॉलिंग दर ज्यादा होने से कई बार लोग उसे रिचार्ज करने की बजाय नया सिम ले लेते हैं। लेकिन हितग्राहियों के नंबर बदलने से सरकार की योजनाओं का लाभ मिलने में उन्हें परेशानी होती है। ऐसे में सरकार से अाग्रह है कि मोबाइल फोन की कॉलिंग दर को सस्ता किया जाए।

Created On :   6 Aug 2024 9:13 PM IST

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