सोलापुर: उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को दिखाए काले झंडे

उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को दिखाए काले झंडे
  • अजीत पवार को दिखाए काले झंडे
  • सोलापुर में उपमुख्यमंत्री

डिजिटल डेस्क, पुणे। उपमुख्यमंत्री अजित पवार सोमवार को सोलापुर जिले के दौरे पर हैं। उन्होंने माढ़ा तालुका के पिंपलनेर में विट्ठलराव शिंदे सहकारी चीनी फैक्ट्री के पेराई सत्र के उद्घाटन कार्यक्रम में भाग लिया। इस मौके पर मराठा समुदाय के कुछ लोगों ने अजित पवार को काले झंडे दिखाकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इससे कुछ देर के लिए सभा स्थल पर अफरा-तफरी मच गयी। हालांकि, पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने के बाद कार्यक्रम सुचारू रूप से संपन्न हो गया। मराठा समाज को 52 प्रतिशत के अंदर आरक्षण देने का प्रयास कर रहे हैं। यह भरोसा दिलाने के साथ ही उन्होंने परिवार नियोजन पर भी पवार ने जोरदार दलील दी है।

मराठा आरक्षण मिलने तक उपमुख्यमंत्री अजित पवार को जिले में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालाँकि, अगर वे आते हैं, तो उन्हें मराठा समुदाय के क्रोध का सामना करना पड़ेगा, माढ़ा सकल ने मराठा समुदाय की ओर से माढ़ा पुलिस को एक पत्र दिया था। इसलिए पुलिस ने पिंपलनेर स्थित कार्यक्रम स्थल पर कड़ी सुरक्षा रखी थी। उपमुख्यमंत्री अजित पवार के भाषण शुरू करने के बाद युवाओं ने एक मराठा, लाख मराठा जैसे नारे लगाते हुए काले झंडे दिखाने की कोशिश की। इसलिए कुछ देर तक हंगामे की स्थिति बनी रही, लेकिन पुलिस ने उन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया।इसके बाद अपने भाषण में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि मराठा समुदाय को आरक्षण देने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है।

पवार ने कहा, पिछले 63 वर्षों में मराठा आरक्षण की मांग कभी नहीं की गई। जब विलासराव देशमुख सत्ता में थे तब आरक्षण की मांग ने जोर उठाया था। पृथ्वीराज चव्हाण के समय आरक्षण देने का निर्णय लिया गया। हमें दी गई सलाह के अनुसार हमने आरक्षण कराया, लेकिन यह अदालत में टिक नहीं सका। इसके बाद राज्य में फड़णवीस की सरकार आई। उनके द्वारा दिया गया आरक्षण हाई कोर्ट में तो बच गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में नहीं टिक सका। अब तक दिए गए आरक्षण को छुए बिना आरक्षण दिया जाना है। नहीं तो 52 प्रतिशत समाज चिढ जायेगा। मराठा युवाओं में समझदारी की मानसिकता नहीं रह गई है। हम किसी को निराश करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। पवार ने कहा कि आर्थिक रूप से पिछड़ों को 10 फीसदी आरक्षण देने से अब यह 62 फीसदी हो गया है। मैं भी मराठा समुदाय से हूं, दूसरे समाज का नहीं। मैं भी समाज के गरीब तबके के लिए आरक्षण चाहता हूं। हमारे बच्चों को आरक्षण की जरूरत नहीं है, लेकिन समाज के एक वर्ग को आरक्षण की जरूरत है।


Created On :   23 Oct 2023 3:14 PM GMT

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