गोरखधंधा: नागपुर शहर में खुलेआम चल रहा है नशे का कारोबार , 4 हजार रु. तोला बिक रही चरस

नागपुर शहर में खुलेआम चल रहा है नशे का कारोबार , 4 हजार रु. तोला बिक रही चरस
  • नागरिक कर रहे सवाल ... नशे के सौदागरों पर कब कसेगी शहर पुलिस शिकंजा
  • आरोप यह भी ... कार्रवाई की तो पुलिस विभाग को मिलने वाली अवैध वसूली हो जाएगी बंद
  • ऐसा भी नहीं है ... जानकारी स्थानीय पुलिस थाने से लेकर अपराध शाखा के तमाम दस्ते को नहीं है

अभय यादव ,नागपुर। संतरानगरी को लोग कहीं नशा नगरी न कहने लगें। किसी को यह सुनकर भले अजीब लगे लेकिन वह दिन दूर नहीं जब लोग क्राइम कैपिटल की तरह नागपुर को नशा नगरी कहने लगेंगे। एमडी के बाद चरस सबसे महंगा नशा माना जाता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नागपुर में इन दिनों 4 हजार रुपए तोला चरस विविध ठिकानों पर बिक रही है। ऐसा नहीं है कि इस बारे में पुलिस के एनडीपीएस दस्ते से लेकर क्राइम ब्रांच के अन्य विभाग के दस्ते को मालूम न हो। लेकिन कोई भी दस्ता कार्रवाई करने का इच्छुक नहीं दिखाई देता है।

पुलिस धरपकड़ में पीछे क्यों : नागरिकों का सवाल है कि अाखिर पुलिस नशे के कारोबारियों की धरपकड़ करने में पीछे क्यों रहती है। गांजा व एमडी का नशा करने वालों में विद्यार्थी वर्ग भी पीछे नहीं है। उसी तरह चरस के शौकीनों में ज्यादातर कॉलेज के विद्यार्थी बताए जाते हैं। मेडिकल, इंजीनियरिंग और अन्य पाठ्यक्रमों की पढ़ाई करनेवाले विद्यार्थी नशे के आदी बन रहे हैं, लेकिन पुलिस छिटपुट कार्रवाई करके अधिकारियों को खुश कर देते हैं।

कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति : वरिष्ठ अधिकारी भी यही मानकर चलने लगते हैं कि पुलिस के दस्ते कार्रवाई तो कर रहे हैं। जबकि हकीकत इसके परे है। बड़े नशे के सौदागरों पर कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति की जाती है। नागपुर के ताजबाग, गिट्टीखदान, शांतिनगर, हसनबाग, मोमिनपुरा सहित कई इलाके इन दिनों गांजा, एमडी के साथ ही चरस बिक्री के रूप में प्रसिद्ध हो रहे हैं।

मूकदर्शक बने बैठे जिम्मेदार : मादक पदार्थों की तरह चरस की बिक्री पर पुलिस के संबंधित विभाग का नियंत्रण नहीं रह गया है। बेधड़क चरस बिकने की चर्चा है। ऐसा भी नहीं है कि इसके बारे में संबंधित विभाग के अधिकारियों को जानकारी नहीं लेकिन कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। यह सवाल लोग करने लगे हैं। लोग कह रहे हैं कि शहर में नशे का कारोबार पनप रहा है। पुलिस विभाग के एनडीपीएस सहित तमाम दस्ते मूकदर्शक बने बैठे हंै। शहर मानो जैसे ड्रग्स माफिया और तस्करी का गढ़ बन गया हो, यहां पर गांजा, चरस व अन्य मादक पदार्थों की बिक्री शहर में बेरोकटोक हो रही है।

शहर नशा मुक्त कैसे होगा : ऐेसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि शहर को अपराध मुक्त और नशा मुक्त बनाने का सपना देखनेवाले पुलिस अधिकारियों और नेताओं का सपना कैसे पूरा होगा, जब नशे के सौदागरों की धरपकड़ ही नहीं की जाएगी तो शहर नशा मुक्त या अपराध मुक्त कैसे होगा। गृहमंत्री व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गृह नगर में जब यह आलम है तो राज्य के दूसरे शहरों की स्थिति इससे कोई ज्यादा बेहतर नहीं होगी।

युवा अवैध कारोबार से जुड़े : चरस बिक्रेता हर किसी को यह माल नहीं बेचते हैं। यह सिर्फ उन्हीं लोगों को देते हैं, जिन्हें वे पहचानते हैं। नए ग्राहक को वह पुराने ग्राहक के मार्फत माल देने का कार्य करते हैं। कमीशन के चक्कर में कई युवा चरस के अवैध कारोबार से जुड़े हैं। नागपुर में नशे के कारोबार ने गहरी पैठ बना ली है। इनके खिलाफ कार्रवाई करनेवाले पुलिस के संबंधित अधिकारियों की खामोशी भी समझ से परे है। इस खामोशी के पीछे कारण क्या हो सकता है। यह तो पुलिस विभाग के आला अफसर ही जानें।

शहर को नशामुक्त नहीं कर सके : शहर में कई आला अफसर आए और इसे बंद कराने का दावा किया। बाद में वह खुद शहर से वापस दूसरी जगह चले गए लेकिन शहर को नशामुक्त नहीं कर सके। शहर में पुलिस एक ही काम करने में कामयाब रही, हेलमेट का उपयोग सभी करने लगे। लेकिन नशे के अवैध कारोबार को बंद कराने में शहर पुलिस नाकाम दिखाई दे रही है।

कहां पर कौन बेच रहा नशा : मध्य नागपुर इलाके में इम्तियाज नामक व्यक्ति चरस से लेकर अन्य मादक पदार्थों की बिक्री में लिप्त है। चरस गांजा, एमडी, गर्दा, अफीम, डोडे का पावडर आदि सहित अन्य मादक पदार्थ बिक्री करने वालों में मोमिनपुरा में राजा, मुश्ताक, अली, ताजबाग में मज्जू भाई, सिविल लाइंस स्थित धार्मिक स्थल के पास टक्को, शांतिनगर क्षेत्र में वशीम भाई, गिट्टीखदान अफसर का रिश्तेदार, उत्तर नागपुर में गुड्डा, कबाड़ी, नईम, सागर, हसनबाग क्षेत्र में फैयाज आदि के नाम इन दिनों चर्चा में हैं।

...तो कारोबार पर रोक लग सकती है : इनकी धरपकड़ के बाद शहर में पनपते नशे के कारोबार पर रोक लग सकती है। नागपुर में मुंबई से बड़े पैमाने पर नशे का माल आता है। इसे बेचने के लिए कमीशन दिया जाता है। इस धंधे में कम उम्र के बच्चे लिप्त हो रहे हैं। धरमपेठ क्षेत्र में एक नशे के सौदागर ने काफी हाऊस की आड़ में नशे का सामान बेचता है। इससे कॉलेज के कुछ युवक - युवतियों के जुड़े होने की चर्चा है।


Created On :   11 May 2024 10:45 AM GMT

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