चोरी और सीनाजोरी: जिला परिषद के तालाब पर अवैध कब्जा और बेचने के लिए निकाला इश्तहार

जिला परिषद के तालाब पर अवैध कब्जा और बेचने के लिए निकाला इश्तहार
  • कब्जेदार की ओर से प्रकाशित विज्ञापन को देख खुली आंख
  • वापस लेने की कवायद कर रही जिला परिषद

डिजिटल डेस्क, नागपुर. ग्रामीण क्षेत्र में जिला परिषद के 470 तालाब है। उनमें से 29 तालाबों पर अतिक्रमणधारकों ने कब्जा जमा रखा है। यहां तक कि मालिकाना दस्तावेज नमूना 7-12 में अपना नाम भी चढ़ा लिया। हद तो तब हो गई, जब एक कब्जेदार ने तालाब बेचने के लिए विज्ञापन निकाल दिया। तालाब बेचने का अखबार में विज्ञापन प्रकाशित किया। उसके बाद जिला परिषद प्रशासन की नींद खुली। बिक्री रोकने के लिए जिप के जलसंधारण विभाग कार्यकारी अभियंता ने आपत्ति दर्ज की है। जिप जलप्रबंधन समिति की बैठक में इस विषय पर कानूनी पक्ष रखने के लिए कानूनी सलाहकार नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

विज्ञापन देख मची खलबली

कामठी तहसील का आसलवाड़ा तालाब मालगुजारी है। तालाब पर जिला परिषद का मालिकाना अधिकार है। भूमि अभिलेख कार्यालय के रिकार्ड में मालिकाना अधिकारी जिला परिषद का दर्ज है। स्थानीय एक व्यक्ति ने तालाब पर कई वर्षों से कब्जा जमा रखा है। उसे बेचने के लिए 4 दिसंबर को अखबार में विज्ञापन प्रकाशित किया। जिला परिषद प्रशासन को यह बात पता चलने पर खलबली मच गई। बरसों से कब्जा जमाए अतिक्रमणधारक को रोकने में नाकाम जिला परिषद ने अब तालाब का मालिकाना अधिकार वापस लेने के लिए कवायद शुरू की है।

प्रशासन की खुली पोल

अवैध कब्जेदार ने तालाब बेचने का विज्ञापन प्रकाशित करने पर तालाबों का अस्तित्व बचाने में नक्कारा साबित हुए जिला परिषद प्रशासन की पोल खुल गई। आमसभा में सदस्यों ने इससे पहले भी तालाबों पर अतिक्रमण के प्रश्न उठाए, लेकिन प्रशासन हाथ पर हाथ धरे रहा। तालाब हाथ से निकल जाने पर मामला उलटने की नौबत आ गई तब विभाग हड़बड़ा गया।

अब बड़ा कदम

सभी तालाबों की नापजोख होगी : तालाबों पर किए अतिक्रमण हटाने के लिए जिला परिषद के जलसंधारण विभाग ने अपने मालिकाना अधिकार के सभी तालाबों का नापजोख करने का प्रस्ताव तैयार किया है। तालाबों का सीमांकन कर उसे सुरक्षित करने के लिए निधि की मांग की गई है।

आसलवाड़ा तालाब पर जिप का अधिकार

मुक्ता कोकड्डे, अध्यक्ष, जिला परिषद के मुताबिक कामठी तहसील के आसलवाड़ा तालाब पर जिला परिषद का मालिकाना अधिकार है। जिप के पास मालिकाना अधिकार के दस्तावेज है। अवैध कब्जेदार ने तालाब बेचने का विज्ञापन प्रकाशित किया। उसे रोकने के लिए जलसंधारण विभाग कार्यकारी अभियंता ने आपत्ति दर्ज की है। जिले के 29 तालाबों पर अन्य लोगों ने कब्जा जमाकर रिकार्ड में अपना नाम चढ़ाया है। संबंधित तहसील कार्यालयों में जिला परिषद का मालिकाना अधिकार दर्ज करने के प्रकरण पेश किए हैं।



Created On :   18 Dec 2023 6:16 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story