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लचर कामकाज: आंकड़ों की जादूगरी, मनपा ने पीओपी की मूर्तियों की संख्या छिपाई
- मनपा के कार्यों की खुल रही पोल
- पीओपी की मूर्तियों की रोकथाम नहीं हो पाई
- 7 जोन में 1822 मूर्तियों का विसर्जन हुआ
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगरपालिका के घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष की ओर से पीओपी मूर्तियों पर पाबंदी को लेकर बड़े-बड़े दावे किए गए, लेकिन डेढ़ दिन के विसर्जन में बड़े पैमाने पर पीओपी की मूर्तियां नजर आई। हालांकि 12 घंटों की मशक्कत करते हुए अधिकारियों ने लीपापोती कर पीओपी की संख्या को कम कर आंकड़े जारी किए । मनपा के मुताबिक शहर में 7 जोन में 1822 मूर्तियों का विसर्जन हुआ है, इनमें से 1762 मिट्टी और 60 पीओपी की मूर्तियां पाई गई।
रविवार को डेढ़ दिन के गणेश विसर्जन में 7 जोन में 1822 मूर्तियों का विसर्जन हुआ है, इनमें से 1762 मिट्टी और 60 पीओपी की मूर्तियों को पाने का प्रशासन ने दावा किया है। शहर में सर्वाधिक पीओपी मूर्तियां लक्ष्मीनगर में 25 और धरमपेठ जोन में 20, नेहरूनगर में 9, धंतोली में 3 और मंगलवारी जोन में भी 3 मूर्तियां पाई गई। मनपा की ओर से रात भर में पीओपी की मूर्तियों को हटाकर संख्या को कम कर आंकड़ों को जारी किया गया। तमाम प्रयासों के बाद भी शहर में पीओपी की मूर्तियों की रोकथाम नहीं हो पाई।
धरमपेठ जोन में 650 प्रतिमा विसर्जित : फुटाला तालाब के समीप करीब 650 से अधिक गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ है। इस दौरान फुटाला तालाब के ओवरफ्लो वाले इलाके में 285 प्रतिमाओं में से 7 पीओपी की निकली, जबकि फुटाला के अमरावती रोड वाले हिस्से में 365 में से 13 पीओपी की प्रतिमा पाई गई है। इसके अलावा रामनगर इलाके में 28 प्रतिमा विसर्जित की गई, इनमें से कोई भी पीओपी की नहीं पाई गई।
अव्यवस्था से नागरिक परेशान : गणेश स्थापना के दूसरे दिन मनपा की ओर से लक्ष्मीनगर में भी कृत्रिम विसर्जन टैंक रखा गया था। प्रशासन का दावा था कि चुस्त और बेहतर रूप में देढ़ दिनों के घरेलू गणपति विसर्जन की व्यवस्था की गई है, लेकिन टैंक के समीप ही कीचड़ और जलजमाव के चलते नागरिकों को खासा परेशान होना पड़ा। मनपा के अधिकारियों को सूचना देने के बाद भी कोई व्यवस्था नहीं की गई। नागरिकों की ओर से मनपा के सोशल मीडिया अकाऊंट पर अपना रोष जताया है।
Created On :   9 Sept 2024 6:38 PM IST