पहल: अंग प्रत्यारोपण के लिए विशेष अस्पताल बने

अंग प्रत्यारोपण के लिए विशेष अस्पताल बने
पांच सदस्यीय समिति गठित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर नागरिक सहकारी अस्पताल फिर से संचालित करने के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की गई है। इस समिति ने हाल ही में अस्पताल का निरीक्षण किया और कहा कि आज भी नागपुर के सरकारी अस्पतालों में अंग प्रत्यारोपण की आधुनिक सुविधाएं नहीं हैं। इसके लिए लोगों को किसी निजी अस्पताल में जाना पड़ता है। इसलिए नागपुर नागरिक सहकारी अस्पताल के परिसर में अंग प्रत्यारोपण के लिए विशेष अस्पताल बनाना चाहिए। समिति के इस निरीक्षण की बुधवार को हाई कोर्ट में जानकारी दी गई। इसके अलावा समिति ने अपने निरीक्षण में नागपुर नागरिक सहकारी अस्पताल के जर्जर इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट करने की जरूरत भी बताई है।

जनहित याचिका दायर : कई सालों से बंद पड़े धरमपेठ के नागपुर नागरिक सहकारी अस्पताल को फिर से शुरू करने मांग करते हुए डॉ. भालचंद्र सुभेदार ने यह जनहित याचिका दायर की है। कोर्ट ने अस्पताल के पुनरुज्जीवन के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित करने के विभागीय आयुक्त और मेडिकल के अधिष्ठाता को आदेश दिये थे। इसके चलते विभागीय आयुक्त ने मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. राज गजभिये, सेंट्रल इंडिया इन्स्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइन्स के संचालक डॉ. लोकेंद्र सिंह, जोनल ट्रान्सप्लॉन्ट को-ऑर्डिकेशन सेंटर की पूर्व अध्यक्षा डॉ. विभावरी दाणी, डॉ. श्रीकांत मुकेवार और चौधरी हॉस्पिटल के डॉ. संजीव चौधरी, इनकी समिति गठित की जाने की जानकारी कोर्ट में दी थी। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने समिति को अस्पताल के संबंधित सारे दस्तावेज देने के आदेश राज्य सरकार और नासुप्र को दिए हैं। बुधवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष हुई सुनवाई में राज्य सरकार ने कोर्ट को समिति द्वारा ली गई बैठक और दिये गये निरीक्षण की जानकारी दी। कोर्ट ने मामले पर 11 दिसंबर को अगली सुनवाई रखी है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. अक्षय सुदामे ने पैरवी की।

आवंटन रद्द के अपील पर निर्णय नहीं : 3 जनवरी 2020 को नासुप्र ने नागपुर नागरिक सहकारी अस्पताल बंद होने के कारण लीज पर दी गई जमीन का आवंटन रद्द कर दिया है। इसके खिलाफ नागपुर नागरिक सहकारी रुग्णालय संस्था ने राज्य सरकार के समक्ष अपील दायर की है। अपील पर 11 जुलाई 2023 को सुनवाई पूरी हुई। लेकिन अब तक निर्णय घोषित नहीं किया गया। हाई कोर्ट ने भी जल्द से जल्द निर्णय लेने के आदेश सरकार को दिए थे।

Created On :   30 Nov 2023 6:05 AM GMT

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