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अयोग्यता का फैसला: राहुल नार्वेकर की अदालत में कब क्या हुआ था, दैनिक भास्कर की खास रिपोर्ट
- विधायकों की अयोग्यता के मामले में फैसला
- दैनिक भास्कर की खास रिपोर्ट में कड़ी दर कड़ी खुलासा
- फैसला शिंदे गुट के पक्ष में सुनाया
डिजिटल डेस्क, मुंबई, सोमदत्त शर्मा। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शिवसेना (शिंदे) विधायकों की अयोग्यता के मामले में फैसला शिंदे गुट के पक्ष में सुनाया। बुधवार को फैसले के दिन शिंदे और उद्धव गुट के विधायकों के साथ-साथ अध्यक्ष नार्वेकर पर भी तनाव हावी रहा। बुधवार सुबह तकरीबन साढ़े दस बजे नार्वेकर अपने कार्यालय पहुंच गए थे। जहां उन्होंने पहले से समय दिए हुए कुछ विजिटर से मुलाकात की। इसके बाद दोपहर में उन्होंने खाना अपने कार्यालय में ही खाया। दोपहर एक बजे से 5 बजे तक वह अकेले अपने केबिन में बैठे रहे और फैसले की बारीकियों को पढ़ते रहे। विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय के एक कर्मचारी ने दैनिक भास्कर को बताया कि उन्होंने इस दौरान कई बार चाय भी पी। इस दौरान उनके चेहरे पर तनाव भी देखने को मिला।
विधानमंडल के सेंट्रल हॉल में फैसला शाम साढ़े चार बजे सुनाया जाना था लेकिन विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर 5 बजकर 11 मिनट पर सेंट्रल हॉल में पहुंचे। जहां उनका इंतजार दोनों ही गुटों के विधायकों के आलावा वकील और मीडियाकर्मी कर रहे थे। नार्वेकर ने शाम 5 बजकर 11 मिनट पर फैसला पढ़ना शुरू किया। सबसे पहले उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया। करीब तीन महीने तक चली सुनवाई के दरमियान नार्वेकर ने विधानभवन के कर्मचारियों और दोनों गुटों के वकीलों का भी आभार जताया।
फैसला सुनाने के दौरान उद्धव गुट के सुनील प्रभु, सुनील शिंदे, अंबादास दानवे और वैभव नाईक मौजूद थे। जबकि शिंदे गुट की ओर से भरत गोगावले, संजय शिरसाट, राहुल शेवाले, मंगेश कुडालकर, बालाजी किणीकर, दीपक केसरकर, यामिनी जाधव और भाजपा विधायक समीर कुणावर भी मौजूद थे। करीब 1 हजार 200 से ज्यादा पेज के फैसले में नार्वेकर ने फैसले के कुछ चुनिंदा हिस्से ही पढ़कर सुनाए। नार्वेकर ने पूरा फैसला 103 मिनट में पढ़कर सुनाया।
जिस समय नार्वेकर फैसला पढ़कर सुना रहे थे उस समय उनके कार्यालय के कर्मचारी भी उनके पीछे खड़े होकर उनका फैसला सुन रहे थे। डेढ़ घंटे तक से भी ज्यादा समय तक चली सुनवाई के दौरान जहां दोनों गुटों के विधायकों पर शिकन देखी गई, वहीं कुछ विधायक नींद की झपकी लेते भी दिखाई दिए।
शिंदे गुट के विधायक मंगेश कुड़ालकर सुनवाई के लिए जब विधानभवन पहुंचे और उनसे फैसले को लेकर पूछा गया तो उनके हावभाव से लगा कि वह तनाव में हैं। हालांकि फैसले के बाद जहां शिंदे गुट के विधायकों के चेहरे पर खुशी देखने को मिली जबकि उद्धव गुट के विधायक मायूस दिखे। हालांकि उद्धव गुट के वकीलों ने शिंदे गुट के विधायकों के साथ हाथ भी मिलाया।
Created On :   11 Jan 2024 5:52 PM IST