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महाराष्ट्र के 22 जिलों में पीने लायक पानी नहीं, निर्धारित मानक से फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा
- महाराष्ट्र के 22 जिलों में पीने लायक पानी नहीं
- फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, सुनील निमसरकर. देश के बीस से अधिक राज्यों के लोग अभी भी फ्लोराइड और आर्सेनिक की अधिकता का सामना कर रहे है। जल शक्ति मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में 22 जिले ऐसे है जहां भू-जल में आंशिक रूप से फ्लोराइड अधिकतम मात्रा से भी ज्यादा है। वहीं, देश में मध्यप्रदेश एकमात्र राज्य है जहां के 44 जिलों के अलग-अलग क्षेत्रों में आंशिक रूप से पानी में फ्लोराइड और 9 जिलों में आर्सेनिक की अधिकता है। हालांकि, केंद्र का जल जीवन मिशन के तहत 2024 तक देश के सभी ग्रामीण घरों को निर्धारित गुणवत्ता की पेयजल आपूर्ति प्रदान करने का लक्ष्य है।
भूगर्भ जल में फ्लोराइड की मात्रा अधिकतम 1.5 पीपीएम होना चाहिए। जबकि आर्सेनिक अधिकतम 0.01 पीपीएम होना चाहिए। केंद्रीय भूमि जल बोर्ड के भूजल गुणवत्ता मॉनिटरिंग से पता चला है कि देश के 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के 466 जिलों और 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के 230 जिले क्रमश: फ्लोराइड और आर्सेनिक निर्धारित मानकों से ज्यादा है। जाहिर है यह इन जिलों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर हानिकारक असर डाल रहा है।
फ्लोराइड प्रभावित जिले
महाराष्ट्र की बात करें तो यहां के 22 जिलें ऐसे है जहां भूजल में फ्लोराइड निर्धारित मात्रा से ज्यादा है। हालांकि, राज्य में आर्सेनिक से कोई भी जिला प्रभावित नहीं है। राज्य में फ्लोराइड से प्रभावित जो जिले है, उसमें नागपुर, चंद्रपुर, भंडारा, गोंदिया, वर्धा, वाशिम, यवतमाल, अमरावती, गढ़चिरौली, अहमदनगर, बीड, धुले, जालना, नांदेड, परभणी, रत्नागिरी, सांगली, सातारा, सिंधुदुर्ग, सोलापुर, हिंगोली और नंदुरबार शामिल है।
सरकार के मुताबिक राज्यों को सलाह दी गई है कि जल की गुणवत्ता संबंधी समस्याओं वाले गांवों के लिए वैकल्पिक सुरक्षित जल स्रोतों के आधार पर पाइप लाजपूर्ति स्कीम की योजना बनाने और इसका कार्यान्वयन किया जाए। चूंकि, इस योजना के कार्यान्वयन और इसकी शुरुआत करने में समय लग सकता है। इसलिए एक अंतरिम उपाय के रूप में राज्यों को विशेष रूप से आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रभावित रिहाइशों में सामुदायिक जल शोधन संयंत्र स्थापित करने की भी सलाह दी गई है।
Created On :   10 Aug 2023 9:02 PM IST
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