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महाराष्ट्र: 350 ग्रामीण अस्पतालों के सक्षमीकरण के लिए उठे कदम
- सरकारी अस्पताल में हो पाएगा हर मर्ज का इलाज
- मेडिसिन-सर्जरी के विशेषज्ञ डॉक्टरों की होगी नियुक्ति
डिजिटल डेस्क, मुंबई, मोफीद खान। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में रहनेवाले लोगों को उनके नजदीकी ग्रामीण अस्पतालों में पूर्ण स्वास्थ्य सुविधा मिल सकेगी। राज्य का स्वास्थ्य सेवा निदेशालय (डीएचएस) ग्रामीण अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं को अधिक सक्षम बनाने पर जोर दे रहा है। इसके लिए डीएचएस ने एक रूप-रेखा भी तैयार कर ली है। जिसके अंतर्गत बेड की संख्या और डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ाई जाएगी।
राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत 350 ग्रामीण अस्पताल आते हैं। जिनमें स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य सेवा निदेशालय विभाग की है। इन अस्पतालों में मरीजों के लिए करीब 10 हजार बेड हैं। हर अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ (गायनेकलॉजिस्ट) बच्चों के डॉक्टर और एक एनेस्थीसिया का डॉक्टर कार्यरत है। लेकिन अन्य बीमारियों या गंभीर मामलों के लिए मरीजों को या तो जिला अस्पताल या फिर सरकारी मेडिकल कॉलेजों में रेफर किया जाता है। इस समस्या से निपटने के लिए डीएचएस ने ग्रामीण अस्पतालों को सक्षम करने का कार्य शुरू किया है।
कम हो जिला अस्पतालों का भार
स्वास्थ्य सेवा विभाग के आयुक्त धीरज कुमार ने बताया कि नांदेड़ हादसे के बाद यह पता चला कि यदि लोगों को प्राथमिक स्तर पर सभी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं तो जिला और तृतीय स्तर के देखभाल अस्पतालों का भार कम हो सकेगा। इसी के तहत ग्रामीण अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को और सक्षम बनाया जा रहा है।
क्षमता के बाद भी सुविधा कम
धीरज कुमार ने बताया कि वर्तमान में ग्रामीण अस्पतालों में 10 हजार बेड हैं लेकिन इसमें से सिर्फ 3 हजार बेडों पर ही मरीजों की भर्ती हो रही है। ग्रामीण अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा कम होने के कारण यह समस्या खड़ी हुई है। इसलिए यहां सुविधाओं में बढ़ोतरी की जा रही। इन अस्पतालों में एमडी मेडिसिन और सर्जरी के डॉक्टर नियुक्त किए जा रहे हैं। इससे ग्रामीण अस्पतालों में हर मर्ज का इलाज और सर्जरी की सुविधाएं मिल सकेंगी।
Created On :   21 Oct 2023 7:07 PM IST