राज्य सरकार ने नई कपड़ा उद्योग नीति को दी मंजूरी, मिलेंगे रोजगार के नए अवसर

राज्य सरकार ने नई कपड़ा उद्योग नीति को दी मंजूरी, मिलेंगे रोजगार के नए अवसर
  • नई कपड़ा उद्योग नीति को दी मंजूरी
  • मिलेंगे रोजगार के नए अवसर
  • 25 हजार करोड़ रुपए के निवेश को किया जा सकेगा आकर्षित

डिजिटल डेस्क, मुंबई. राज्य सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में नई कपड़ा उद्योग नीति को मंजूरी दी। इसके तहत कपास उत्पादक क्षेत्र में निवेश बढ़ाने और आने वाले समय में 25 हजार करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने के लिए नई कपड़ा उद्योग नीति को मंजूरी देने का निर्णय बैठक में लिया गया। इस नीति के तहत करीब 5 लाख रोजगार निर्मित किए जा सकेंगे।

इस नीति की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:-

- सरकार का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में कपास प्रसंस्करण क्षमता को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 80 प्रतिशत करना है। इससे 25 हजार करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना और 5 लाख तक रोजगार निर्मित करना है।

- पुरानी सहकारी समितियों के पुनर्वास के लिए सहकारी मिलों को पट्टे पर देने और मिलों की अधिशेष भूमि की बिक्री की अनुमति देने के लिए विभाग एक योजना तैयार करेगा।

- कपड़ा उद्योग के लिए कच्चे माल की उपलब्धता के आधार पर जोन के अनुसार कपड़ा क्षेत्र के विकास को प्रोत्साहित किया जाएगा। बड़ी परियोजनाओं के लिए प्रोत्साहन के रुप में एक विशेष पैकेज दिया जाएगा।

- कपड़ा उद्योग हाल के दिनों में विश्व स्तर पर बढ़ रहा है, सरकार इस क्षेत्र पर महत्वपूर्ण जोर देगी और राज्य में छह तकनीकी कपड़ा पार्क स्थापित करने का लक्ष्य है। इसके अलावा, तकनीकी वस्त्र क्षेत्र के आक्रामक विकास को सुनिश्चित करने के लिए महाराष्ट्र में तकनीकी कपड़ा मिशन शुरु किया जाएगा। राज्य में कपडा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हर साल 50 करोड़ रुपये का कोष बनाया जाएगा।

- राज्य में कपड़ा उद्योग के विकास के लिए एक स्थायी और उपजाऊ वातावरण बनाने के लिए एक वैधानिक निगम "महाराष्ट्र स्टेट टेक्सटाइल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन" बनाया जाएगा।

-आर्थिक विकास के एक नए मॉडल को बढ़ावा देने के लिए, 4 मेगावाट की अधिकतम क्षमता तक की सौर परियोजनाओं की स्थापना के लिए पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

- महाराष्ट्र के पांच कपड़े - पैठनी साड़ी, हिमरु, करवठ काटी, खाना फैबरिक और घोंगड़ी पारंपरिक कपड़े के रुप में जाने जाते हैं। इस नीति का उद्देश्य पारंपरिक कपड़ा बुनकरों को प्रोत्साहन प्रदान करना है। प्रमाणित और पंजीकृत पुरुष बुनकरों को 10 हजार रुपए और महिला बुनकरों को 15 हजार रुपए सालाना का त्योहार भत्ता दिया जाएगा। नीति का उद्देश्य पारंपरिक कपड़ा बुनकरों के लिए "वृद्धावस्था पेंशन योजना" के रूप में एक सामाजिक सुरक्षा कवर पेश करना है।

- राज्य रेशम उद्योग के विकास के लिए एक एकीकृत योजना सरकार लागू करेगी।

- सरकार प्रत्येक वर्ष गरीबी रेखा से नीचे के प्रत्येक परिवार को एक मुफ्त साड़ी प्रदान करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देशों के साथ एक योजना तैयार करेगा। इसके अतिरिक्त सरकार का उद्देश्य कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण, पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों और पूर्व सैनिकों को अतिरिक्त सहायता प्रदान करना है।

Created On :   30 May 2023 9:47 PM IST

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