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बॉम्बे हाईकोर्ट: वैज्ञानिक की पत्नी ने कृषि-रसायन एवं औषधि की उत्पादक कंपनी के खिलाफ खटखटाया अदालत का दरवाजा
- अदालत ने कंपनी ‘पंजाब केमिकल्स’ को 15 जून तक हलफनामा दाखिल कर जवाब देने का दिया निर्देश
- "डोट्रावाइन’ केमिकल्स उत्पाद का शोध करने वाले वैज्ञानिक के परिवार का मालिकाना हक का दावा
- वैज्ञानिक की मृत्यु के बाद उनके परिवार को डोट्रावाइन केमिकल्स के उत्पाद का कमीशन देना बंद करने का पंजाब केमिकल्स कंपनी पर आरोप
डिजिटल डेस्क, मुंबई. "डोट्रावाइन’ केमिकल्स उत्पाद का शोध करने वाले वैज्ञानिक संतोष प्रभाकर गुलवाड़ी की पत्नी शीतल ने कृषि-रसायन, विशेष रसायन और थोक औषधियों के निर्माण से जुड़ी व्यवसायिक कंपनी ‘पंजाब केमिकल्स एंड क्रॉप प्रोटेक्शन लिमिटेड’ के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर किया है। वैज्ञानिक के परिवार का दावा है कि कंपनी वैज्ञानिक और उसके परिवार के साथ "डोट्रावाइन’ केमिकल्स उत्पाद को लेकर हुए व्यवसायिक समझौते के उल्लंघन का आरोप है। अदालत ने कंपनी को हलफनामा दाखिल कर 15 जून तक जवाब देने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति भारती डांगरे की एकल पीठ के समक्ष शीतल संतोष गुलवाड़ी की ओर से वकील प्रेरक चौधरी की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील प्रेरक चौधरी ने दलील दी कि कंपनी ने 2022 में न केवल समझौते में मनमाने ढंग से संशोधित किया है, बल्कि बाद में समझौते के मुताबिक कमीशन देना भी बंद कर दिया। कंपनी ने मार्च 2023 से इस बात का खुलासा नहीं किया है कि "डोट्रावाइन’ उत्पाद की हर महीने कितनी बिक्री हुई। याचिका में कंपनी से उत्पाद की हर महीने बिक्री पर कमीशन का भुगतान करने का अनुरोध किया गया है।
याचिका में वैज्ञानिक संतोष गुलवाड़ी की 2021 में मृत्यु के बाद उनकी पत्नी शीतल समेत बच्चों का "डोट्रावाइन’ उत्पाद पर मालिकाना हक होने दावा किया गया है। वैज्ञानिक संतोष गुलवाड़ी ने 2015 में "डोट्रावाइन’ उत्पाद का शोध किया। उनका उसको लेकर पंजाब केमिकल्स कंपनी से व्यवसायी समझौता हुआ था। उनकी मृत्यु के बाद कंपनी उनके परिवार के साथ समझौते का उल्लंघन कर रही है। पीठ ने कंपनी को 15 जून तक हलफनामा दाखिल कर जवाब देने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 1 जुलाई को रखी गई है।
Created On :   12 May 2024 9:22 PM IST