सियासत गरम: अजित-शिंदे की बैठक में फडणवीस की गैरमौजूदी पर उठे सवाल, अब राहुल के खिलाफ बड़ा आंदोलन

अजित-शिंदे की बैठक में फडणवीस की गैरमौजूदी पर उठे सवाल, अब राहुल के खिलाफ बड़ा आंदोलन
  • अजित पवार ने राज्य में घोषित की पहली उम्मीदवारी
  • अजित ने घोषित की पहली उम्मीदवारी
  • भाजपा और कांग्रेस का सड़क पर आमना-सामना, राहुल के बयान के खिलाफ भाजपा करेगी आंदोलन

डिजिटल डेस्क, मुंबई महायुति में सीटों के बंटवारे को लेकर घमासान जारी है। हर रोज बैठकों का दौर चल रहा है लेकिन अभी तक सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला नहीं हो सका है। बुधवार देर रात राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और राकांपा (अजित) प्रमुख अजित पवार की मुख्यमंत्री के निवास स्थान 'वर्षा' पर 3 घंटे तक बैठक चली। खबर है कि शिवसेना (शिंदे) और राकांपा (अजित) में कुछ सीटों को लेकर आपस में बात नहीं बन पा रही है। यही कारण है कि दोनों नेताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा की। हालांकि इस बैठक से भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के अनुपस्थित रहने से कई तरह की चर्चाओं की सुगबुगाहट होने लगी है। इस बीच सीट बंटवारे से पहले अजित ने खेड़-आलंदी से पहले उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। दरअसल कुछ दिन पहले जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मुंबई दौरे पर आए थे तो शाह ने महायुति के तीनों बड़े नेताओं शिंदे, फडणवीस और अजित पवार को मध्यस्थता के माध्यम से सीटों के बंटवारे में विवाद सुलझाने को कहा था। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में उन मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिसमें पिछले कुछ समय में शिंदे के विधायक और मंत्री अजित गुट पर निशाना साध चुके हैं। इसके अलावा बैठक में शिंदे और अजित गुट में लाडली बहन योजना का श्रेय लेने के लिए चल रही होड़ पर भी चर्चा हुई। बैठक में दोनों ही दलों ने सहमति जताई है कि यह योजना किसी एक पार्टी की नहीं बल्कि महायुति सरकार की है।

फडणवीस के बिना शिंदे और अजित की बैठक

ऐसा बहुत कम हुआ है कि जब महायुति के बड़े नेताओं की बैठक हुई हो और युति के तीनों बड़े नेता एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार एक साथ मौजूद नहीं रहे हों। लेकिन बुधवार रात हुई बैठक में फडणवीस के मौजूद नहीं होने से सवाल उठ रहे हैं कि आखिर सीटों के मुद्दों पर हुई बैठक में फडणवीस मौजूद क्यों नहीं रहे।

अजित ने घोषित की पहली उम्मीदवारी

महायुति में भले ही सीटों का बंटवारा अभी तक नहीं हुआ हो लेकिन अजित पवार ने खेड़-आलंदी से दिलीप मोहिते पाटील की उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया है। अजित ने एक कार्यक्रम में लोगों से कहा कि आप मोहिते पाटील को विधायक बनाओ, मैं उन्हें सरकार में मंत्री बनाऊंगा।

भाजपा और कांग्रेस का सड़क पर आमना-सामना, राहुल के बयान के खिलाफ भाजपा करेगी आंदोलन

उधर अमेरिका में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के आरक्षण खत्म करने संबंधी दिए बयान को भाजपा ने राजनीतिक मुद्दा बना लिया है। प्रदेश भाजपा की ओर से शुक्रवार को राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा। भाजपा ने कांग्रेस हटाओ, आरक्षण बचाओ एल्गार आंदोलन करने की घोषणा की है। भाजपा को जवाब देने के लिए कांग्रेस भी सड़क पर उतरेगी। प्रदेश कांग्रेस की ओर से दिल्ली भाजपा के पूर्व विधायक तरविंदर सिंह मारवाह को राहुल को जान से मारने की धमकी वाले बयान के खिलाफ आंदोलन करेगी। गुरुवार को प्रदेश भाजपा ने एक बयान जारी करके कहा कि राहुल के बयान से कांग्रेस का आरक्षण विरोध असली चेहरा सामने आ गया है। सामाजिक न्याय और आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस को दोहरी भूमिका भाजपा सहन नहीं कर सकती है। अकोला में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, मुंबई में भाजपा विधायक पंकजा मुंडे, मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार, ठाणे में राज्य के सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री रवींद्र चव्हाण, जलगांव में राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन, पुणे में उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील, चंद्रपुर में राज्य के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, नागपुर में प्रदेश भाजपा महासचिव विक्रांत पाटील, छत्रपति संभाजीनगर में राज्य के गृहनिर्माण मंत्री अतुल सावे समेत दूसरे जिलों में पार्टी के नेता आंदोलन करेंगे। दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष नाना गावंडे ने बताया कि भाजपा के पूर्व विधायक तरविंदर सिंह ने राहुल को जान से मारने की धमकी दी है। इसलिए उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर भाजपा के खिलाफ राज्य भर में शुक्रवार को सुबह 11 बजे आंदोलन किया जाएगा। इससे पहले पहले राहुल ने अमेरिका में कहा था कि कांग्रेस आरक्षण को तब खत्म करने के बारे में सोचेगी, जब भारत में आरक्षण के लिहाज से निष्पक्षता होगी। हालांकि राहुल ने अपने बयान पर सफाई दी थी। राहुल ने कहा था कि मैं आरक्षण के खिलाफ नहीं हूं। हम आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से पार ले जाएंगे।


Created On :   12 Sept 2024 10:13 PM IST

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