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दानवे के आरोपों पर लोढा ने सदन में ही जेब से निकाला इस्तीफा
- मंत्री मंगल प्रभात बोले- मुझ पर कोई एक रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा सकता
- विधान परिषद में कौशल्य विकास मंत्री के बचाव में उतरे वन मंत्री
- लोढा ने हिम्मत दिखाई: उपसभापति
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे और प्रदेश के कौशल्य विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढा बुधवार को आमने-सामने आ गए। सदन में दानवे ने मुंबई में अवैध निर्माण के जरिये घरों की बिक्री करने का आरोप लोढा पर लगाया था। जिसके बाद लोढा ने मंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए पत्र निकाल लिया। हालांकि उपसभापति नीलम गोर्हे ने लोढा को इस्तीफा वापस लेने के लिए कहा। जिसके बाद लोढा का गुस्सा शांत हुआ। लोढा ने कहा कि मैं पिछले 10 वर्षों से अपने पारिवारिक व्यवसाय से दूर हूं। मेरा बेटा मुंबई में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में व्यवसाय करता है। लोढा ने कहा कि यदि मुंबई में मेरे परिवार का एक भी अवैध निर्माण चल रहा है तो मैं सदन में खाली पन्ने पर हस्ताक्षर करके मंत्री पद का इस्तीफा सौंप रहा हूं। जिस पर दानवे ने कहा कि मैं व्यक्तिगत आरोप नहीं लगा रहा लेकिन मैं सबूत देने के लिए तैयार हूं।
कोई भी उठता है, आरोप लगा देता है
दरअसल, सदन में अंतिम सप्ताह प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान नेता विपक्ष दानवे ने कहा कि भाजपा के नेता तथा मुंबई उपनगर के पालक मंत्री के मुंबई मनपा क्षेत्र में कई अवैध निर्माण चल रहे हैं। इसके जवाब में लोढा ने कहा कि दानवे ने मेरा नाम लेकर मुझ पर आरोप लगाया। फिर उपसभापति के कहने पर मेरे नाम का उल्लेख हटा दिया। सदन के कामकाज का लाइव प्रसारण होता है। इसलिए नाम हटाने का कोई मतबल नहीं है। लोढा ने कहा कि मैं पिछले 30 साल से विधानसभा का सदस्य हूं। मैंने कभी पद का दुरुपयोग नहीं किया है। कोई भी उठता है, मुझ पर आरोप लगा देता है। मेरे परिवार का व्यवसाय करना गुनाह है क्या?
लोढा ने हिम्मत दिखाई: उपसभापति
उपसभापति ने कहा कि इस्तीफा तो कई मंत्रियों के जेब में होते हैं लेकिन लोढा ने सदन में इस्तीफे की पेशकश करने की हिम्मत दिखाई है। लेकिन उन्हें इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है। विपक्ष के नेता दानवे ने सदन में कई पत्र दिखाए हैं। इसका मतलब है कि उनके पास कुछ सबूत होंगे। दानवे लोढा पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए उचित एजेंसी के पास सबूत सौंप दें।
मुनगंटीवार ने किया लोढा का बचाव
इस बीच प्रदेश के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि लोढा ईमानदारी से व्यवसाय करते हैं। मैंने एक बार उनसे पूछा था कि आप मुंबई में एसआरए की इमारतें क्यों नहीं बनाते? जिस पर उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं सरकार से संबंधित कोई काम नहीं करना चाहता हूं क्योंकि मैं बेदाग और निडर रहना चाहता हूं।
Created On :   20 Dec 2023 9:00 PM IST