राज्यपाल का सुझाव: बच्चों की नींद पूरी हो इसके लिए स्कूल के समय में बदलाव पर विचार करें अधिकारी

बच्चों की नींद पूरी हो इसके लिए स्कूल के समय में बदलाव पर विचार करें अधिकारी
  • स्कूली कार्यक्रमों की शुरुआत से जुड़े कार्यक्रम में बोले राज्यपाल रमेश बैस
  • ऑडियो, वीडियो और ई पुस्तकें कराएं उपलब्ध
  • स्कूलों की हो ग्रेडिंग

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आजकल बच्चे आधी रात के बाद भी जागते रहते हैं लेकिन स्कूल के कारण उन्हें जल्दी उठना पड़ता है। इसकी वजह से उनकी नींद पूरी नहीं होती। मैं अधिकारियों से आग्रह करूंगा कि बच्चों को सुबह अच्छी नींद मिले इसके लिए स्कूल का समय बदलने पर भी विचार होना चाहिए। स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं की शुरुआत से जुड़े कार्यक्रम के दौरान मंगलवार को राज्यपाल रमेश बैस ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि आज सभी लोगों के नींद के घंटे बदल गए हैं, पहले लोकप्रिय कहावत थी कि जल्दी सोना जल्दी उठना एक आदमी को स्वस्थ और बुद्धिमान बनाता है लेकिन अब बच्चे देर रात तक जागते रहते हैं इसलिए स्कूल के समय में बदलाव किया जाना चाहिए जिससे उनकी नींद पूरी हो। साथ ही राज्यपाल बैस ने कहा कि सीखना बच्चों के लिए आनंददायक अनुभव होना चाहिए इसलिए होमवर्क पर कम जोर दिया जाना चाहिए और खेलकूद और दूसरी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। विद्यार्थियों पर बस्तों का बोझ भी कम किया जाना चाहिए। रायपुर में बैगलेस स्कूल की प्रायोगिक शुरुआत हुई है यहां बच्चे खाली हाथ स्कूल जाते हैं और वहीं उन्हें पाठ्यसामग्री उपलब्ध कराई जाती है। इससे बच्चे खुश रहते हैं।

ऑडियो, वीडियो और ई पुस्तकें कराएं उपलब्ध

राज्यपाल बैस ने कहा कि आजकल बच्चे स्मार्टफोन पर मीडिया, सोशल मीडिया जैसे माध्यमों से ज्ञान अर्जित कर रहे हैं। किताबों के बजाय उन्हें मोबाइल फोन पर पढ़ना ज्यादा पसंद आ रहा है। इसलिए विद्यार्थियों के लिए ऑडियो, वीडियो पुस्तकें और ई-किताबें उपलब्ध कराने पर जोर दिया जाना चाहिए। ई-क्लासेस भी शुरू किया जाना चाहिए। साथ ही बच्चे क्या देख रहे हैं क्या पढ़ रहे हैं इस पर ध्यान देना जरूरी क्योंकि आप जो पढ़ते हैं वैसे ही बनते जाते हैं। यह अच्छी बात है कि सरकार वाचन पर जोर दे रही है। इंटरनेट की दुनिया बच्चों के लिए वरदान भी है और अभिशाप भी। यहां कई खराब सामग्री है जो बच्चे देख सकते हैं यहां ऐसे गेम भी है दो बच्चों को ऐसे टास्क देते हैं जो उनके लिए जानलेवा है। कई बच्चे इस तरह आत्महत्या कर चुके हैं इसलिए अभिभावकों और शिक्षकों को ध्यान देना होगा कि बच्चे इंटरनेट के जरिए सुरक्षित और अच्छी सामग्री तक ही पहुंचे। बच्चों को साइबर अपराधों खासकर यौन अपराधों से बचाना आवश्यक है। राज्य की सैकड़ों लाइब्रेरी खाली पड़ी है वहां मौजूद किताबें पुरानी और अप्रचलित है इसलिए हमें अपनी लाइब्रेरी को पुनर्जीवित करना चाहिए। लाइब्रेरी को गोंद लेने की योजना को प्रोत्साहन देने की जरूरत है।

स्कूलों की हो ग्रेडिंग

राज्यपाल बैस ने कहा कि राज्य के सभी स्कूलों की ग्रेडिंग होनी चाहिए। जो स्कूल ग्रेडिंग में सुधार करें उन्हें पुरस्कृत किया जाना चाहिए। छत्तीसगढ़ में यह प्रयोग किया गया है और इसके अच्छे परिणाम नजर आए हैं। शिक्षकों को भी अपडेट रहने की जरूरत है जिससे वे बच्चों के सभी सवालों के जवाब दे सकें।

इन योजनाओं की हुई शुरुआत

राज्य में मंगलवार से मुख्यमंत्री माझी शाला, सुंदर शाला, दत्तक स्कूल, स्वच्छता मॉनीटर के दूसरे चरण, महावाचन उत्सव, माझी शाला माझी परसबाग योजनाओं शुरुआत हुई। राजभवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर, कौशल विकास मंत्री मंगलप्रभात लोढा समेत गणमान्य मौजूद थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य में ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित की जाएगी जिससे बच्चे पूरी दुनिया से प्रतिस्पर्धा करने वाले छात्र तैयार हों। उन्होंने कहा कि नई योजनाओं के जरिए सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों के मुकाबले खड़ा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर गांव में एक आदर्श स्कूल बनाया जाना चाहिए। वहीं शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि राज्य में सेलिब्रिटी स्कूल शुरू किए जाएंगे जहां विद्यार्थियों को संगीत, नाटक, वक्तृत्व कला जैसी विधाएं सिखाई जाएंगी।

Created On :   5 Dec 2023 9:10 PM IST

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