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New Delhi News: मराठवाड़ा को सूखे से मिलेगी निजात, नदियों को जोड़ने के लिए पीएफआर तैयार

- नदियों को जोड़ने के लिए 3 अंतर-राज्य लिंक का पीएफआर तैयार
- जल ग्रिड दिलाएगा मराठवाड़ा को सूखे से निजात
New Delhi News : महाराष्ट्र का मराठवाड़ा क्षेत्र सूखे की समस्या से ज्यादा प्रभावित है, केंद्र सरकार इस बात से बखूबी वाकिफ है। यही वजह है कि मराठवाड़ा में पानी की समस्या को दूर करने के लिए राज्य व केंद्र सरकार मिलकर काम कर रहे हैं। इस क्रम में राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (एनपीपी) के तहत राज्य दमनगंगा-पिंजाल आईएलआर परियोजना और पार-तापी-आईएलआर परियोजना की परिकल्पना की गई है। इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार ने भी इस स्थिति से निपटने के लिए मराठवाड़ा क्षेत्र में एक जल ग्रिड विकसित करने की पहल की है। इसके तहत, 11 प्रमुख बांधों को पाइपलाइन के जरिए जोड़ने की योजना बनाई गई है जिससे कि आवश्यकतानुसार एक बांध से दूसरे बांध तक पानी पहुंचाया जा सके। केन्द्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने गुरुवार को लोकसभा में डॉ शिवाजी बंडाप्पा कालगे के एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत मराठवाड़ा क्षेत्र में 8 जलापूर्ति ग्रिड योजनाओं को भी मंजूरी दी गई है।
राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (एनडब्ल्यूडीए) को महाराष्ट्र की ओर से 20 अंतर-राज्य लिंक प्रस्ताव भी प्राप्त हुए हैं। इनमें से 3 प्रस्ताव, वैनगंगा-मंजरा घाटी अंतर राज्य लिंक, उपरी कृष्णा-भीमा (6 लिंको की प्रणाली) अंतर-राज्य लिंक और नार-पार-गिरणा घाटी अंतर-राज्य लिंक महाराष्ट्र राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र से संबंधित हैं। वैनगंगा-मंजरा घाटी अंतर-राज्य लिंक से बीड, हिंगोली और परभणी जिलों को लाभ मिलेगा। वहीं, ऊपरी कृष्णा-भामा अंतर-राज्य लिंक से उस्मानाबाद (धाराशिव) और नार-पार-गिरणा घाटी अंतर-राज्य लिंक से औरंगाबाद जिले को फायदा पहुंचेगा। एनडब्ल्यूडीए द्वारा इन तीनों अंतर-राज्य लिंक प्रस्तावों की पूर्व व्यवहार्यता रिपोर्ट (पीएफआर) पूरी कर हो गई और महाराष्ट्र सरकार को सौंप दी गई है।
Created On :   6 Feb 2025 8:19 PM IST