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New Delhi News: अपना सीएम बनाने की जल्दबाजी नहीं दिखाएगी कांग्रेस, पद से ज्यादा गठबंधन पर तवज्जो
- कांग्रेस के प्रदर्शन पर टिका है एमवीए का भविष्य
- तो दिल्ली में तय होगा महायुति का सीएम!
New Delhi News : अजीत कुमार। महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हो चुका है। 23 नवंबर को चुनाव नतीजे आएंगे। सूबे में किस गठबंधन को बहुमत मिलेगा और राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इस पर सबकी निगाहें लगी है। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा नीत ‘महायुति’ और कांग्रेस नीत ‘महा विकास आघाड़ी’ के बीच है। साफ है कि दोनों गठबंधनों का चुनावी प्रदर्शन इस बात पर निर्भर करेगा कि भाजपा और कांग्रेस के खाते में कितनी सीटें आती है? महा विकास आघाड़ी की बात की जाए तो मुख्यमंत्री पद को लेकर घटक दल शुरू से ही दावेदारी जताते रहे हैं। शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का मुख्यमंत्री पद के चेहरे के साथ चुनाव में जाने पर जोर था तो वहीं कांग्रेस और राकांपा (एसपी) के नेताओं का कहना है कि जिस दल के ज्यादा विधायक होंगे, मुख्यमंत्री पद पर उसकी दावेदारी उतनी ही पुख्ता होगी। लेकिन सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस चुनाव नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री पद पर अड़ियल रूख नहीं अपनाएगी।
कांग्रेस के प्रदर्शन पर टिका है एमवीए का भविष्य
महाविकास आघाड़ी (एमवीए) में कांग्रेस सबसे ज्यादा 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है तो शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी क्रमश: 95 और 85 सीटों पर मैंदान में है। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि वह गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है और एमवीए को बहुमत मिल सकता है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी जल्दबाजी नहीं करेगी। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी के लिए मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी से ज्यादा जरूरी गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच की एकता को बनाए रखना है। सूत्र बताते हैं कि गठबंधन में कांग्रेस विधायकों की संख्या शिवसेना (यूबीटी) के विधायकों से ज्यादा हुई, तब भी कांग्रेस अपना मुख्यमंत्री बनाने के लिए जल्दबाजी नहीं दिखाएगी। इस पर कांग्रेस के केन्द्रीय नेता घटक दलों के वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत के बाद अंतिम निर्णय लेंगे।
तो दिल्ली में तय होगा महायुति का सीएम!
महायुति को बहुमत मिला तो मुख्यमंत्री पद पर मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, देवेन्द्र फडनवीस और अजित पवार की पुख्ता दावेदारी दिख रही है। चूंकि भाजपा 149 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, लिहाजा माना जा रहा है कि वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। ऐसे में अगर महायुति जादुई आंकड़े तक पहुंचती है तो भाजपा कोटे से मुख्यमंत्री बनने की संभावना ज्यादा है। लेकिन यदि भाजपा नेतृत्व ने परिस्थितिवश बिहार पैटर्न लागू किया तो एक बार फिर एकनाथ शिंदे की लॉटरी लग सकती है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला नतीजे आने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में तय होगा
Created On :   20 Nov 2024 9:29 PM IST