Mumbai News: ओला - उबर में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित को लेकर सरकार से मांगा जवाब

ओला - उबर में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित को लेकर सरकार से मांगा जवाब



बॉम्बे हाई कोर्ट ने एग्रीगेटर वाहनों (ओला और उबर) में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर राज्य सरकार से मांगा जवाब

-अदालत ने ओला और उबर जैसे वाहनों के एग्रीगेटर को जनहित याचिका पर जारी किया नोटिस

-जनहित याचिका में एग्रीगेटर वाहनों को यात्रियों की सुरक्षा को लेकर दिशा-निर्देशों के कार्यान्वयन का किया गया है अनुरोध

29 जनवरी 2025 को जनहित याचिका पर अगली सुनवाई

Mumbai News :

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार से राज्य में एग्रीगेटर वाहनों (ओला और उबर) में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, लाइसेंसिंग और एग्रीगेटर नियमों के क्रियान्वयन की स्थिति का विवरण देते हुए एक हलफनामा दाखिल जवाब देने का निर्देश दिया है। अदालत ने ओला और उबर जैसे वाहनों के एग्रीगेटर को नोटिस जारी किया है। 29 जनवरी 2025 को जनहित याचिका (पीआईएल) पर अगली सुनवाई रखी गई है।

मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ के समक्ष पेशेवर स्क्वैश खिलाड़ी अमितोज इंदर सिंह की ओर से वकील वेस्ले मेनेजेस और वकील अयान भट्टाचार्य की दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में ट्रांसपोर्ट एग्रीगेटर्स द्वारा संचालित वाहनों (उबर और ओला) में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई है। साथ ही याचिकाकर्ता पर 2018 में कैब ड्राइवर द्वारा व्यक्तिगत हमले की घटना का हवाला दिया गया है। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि केंद्र सरकार ने 27 नवंबर 2020 को 'मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशा-निर्देश-2020' जारी किए थे, जो वैधानिक हैं। हालांकि प्रभावी कार्यान्वयन की कमी के कारण एग्रीगेटर वाहनों में यात्रियों की सुरक्षा चिंता का विषय बनी हुई है। याचिकाकर्ता ने इन दिशा-निर्देशों के अमल को सुनिश्चित करने और यात्री सुरक्षा के लिए अतिरिक्त उपायों को लागू करने के लिए निर्देश का अनुरोध किया है।

इस दौरान अतिरिक्त सरकारी वकील पूर्णिमा कंथारिया ने पीठ को बताया कि नियम अभी भी तैयार किए जा रहे हैं। लोगों से आपत्तियां मांगी गई हैं। इस पर पीठ ने कंथारिया से इन विवरणों को आगे की बारीकियों के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ता ने याचिका में 2018 में उन पर एक एग्रीगेटर कैब ड्राइवर के हमला का हवाला दिया गया है। उन्हें लगी चोटों के कारण स्थायी क्षति हुई है। एग्रीगेटर कैब सेवा से संपर्क करने के बावजूद उन्हें बताया गया कि वे ड्राइवर को अपने प्लेटफार्म से हटाने के अलावा और कुछ नहीं कर सकते, क्योंकि वह केवल ड्राइवर पार्टनर है। याचिका में देश भर में कई घटनाओं की ओर जिक्र किया, जहां कैब प्लेटफार्म ने ऐसे मामलों की जिम्मेदारी से परहेज किया।

Created On :   18 Dec 2024 9:26 PM IST

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