बॉम्बे हाईकोर्ट: फैमिली कोर्ट घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत पारिवारिक विवाद में कार्यवाही करने और राहत देने में सक्षम

फैमिली कोर्ट घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत पारिवारिक विवाद में कार्यवाही करने और राहत देने में सक्षम
  • मजिस्ट्रेट कोर्ट से पारिवारिक विवाद को फैमिली कोर्ट में किया स्थानांतरित
  • पारिवारिक विवाद में कार्यवाही करने और राहत देने में सक्षम

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि फैमिली कोर्ट घरेलू हिंसा अधिनियम (डीवी अधिनियम) के तहत पारिवारिक विवाद में कार्यवाही करने और राहत देने में सक्षम है। इससे पार्टियों के समय, प्रयास और धन की बचत होगी। अदालत ने एक पारिवारिक विवाद को मजिस्ट्रेट कोर्ट से फैमिली कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया।न्यायमूर्ति कमल खाता की एकल पीठ के समक्ष एक पति की याचिका पर सुनवाई हुई। पीठ ने कहा कि पारिवारिक न्यायालय के पास दीवानी और कुछ आपराधिक कार्यवाही दोनों पर निर्णय लेने की शक्तियां हैं। फैमिली कोर्ट के पास मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट को शिकायत सौंपने की भी शक्तियां हैं। मामले को मजिस्ट्रेट कोर्ट से फैमिली कोर्ट को स्थानांतरित करते हुए न्यायमूर्ति खाता ने कहा कि रिकॉर्ड पर दलीलें, सामग्री, इस मामले के तथ्यों, परिस्थितियों की समग्रता और विशेष रूप से आवेदक (पति) को अनुचित कठिनाई और खर्च उठाना पड़ेगा। इस मामले को चार सप्ताह के भीतर स्थानांतरित करना होगा।

याचिकाकर्ता ने अपनी अलग रह रही पत्नी द्वारा दायर कार्यवाही को मजिस्ट्रेट अदालत से बांद्रा स्थित फैमिली कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग की थी। यह दंपत्ति 2008 में अमेरिका से लौटा था और वह 2019 में अलग हो गए। पत्नी ने शुरू में न्यू जर्सी की एक अदालत से तलाक और भरण-पोषण की मांग की, जिसे वहां खारिज कर दिया गया था। पति के वकील ईरानी ने दलील दी कि पत्नी ने 27 जून 2022 को भरण-पोषण के लिए फैमिली कोर्ट के समक्ष आवेदन किया और फिर एक महीने के भीतर उसने पति को परेशान करना शुरू कर दिया। याचिकाकर्ता पर दबाव बनाने के लिए एक मजिस्ट्रेट के समक्ष डीवी अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज की। पत्नी के वकील रोहन कामा ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि फैमिली कोर्ट के पास डीवी अधिनियम के तहत आवेदनों पर निर्णय लेने का अधिकार नहीं है।

Created On :   31 Dec 2023 8:42 PM IST

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