नई शिक्षा नीति: मल्टीपल एंट्री एग्जिट के विकल्प को विशेषज्ञों ने बताया फायदेमंद

मल्टीपल एंट्री एग्जिट के विकल्प को विशेषज्ञों ने बताया फायदेमंद
  • संसदीय समिति ने उठाए थे सवाल
  • मल्टीपल एंट्री एग्जिट के विकल्प को विशेषज्ञों ने बताया फायदेमंद
  • क्या है संसदीय समिति की राय

डिजिटल डेस्क, मुंबई. नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के दौरान मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एग्जिट का विकल्प को लेकर संसदीय समिति ने सवाल उठाए हैं लेकिन शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों की राय है कि अगर इसे सही तरीके से लागू किया गया तो यह विद्यार्थियों के लिए बेहतर विकल्प साबित होगा। करियर काउंसर स्वाती सालुंखे ने कहा कि सारा दारोमदार इस पर होगा कि नई शिक्षा नीति पर अमल किस तरह किया जाएगा। इस बात की आशंका जरूर होगी कि अगर किसी तरह की बाध्यता न हो तो विद्यार्थी पढ़ाई को गंभीरता से न लें। छूट का बेजा इस्तेमाल करें लेकिन जिन लोगों को आर्थिक परेशानी हो, स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या हो या कोई और कोर्स करना हो उनके लिए यह अच्छा विकल्प होगा। इसलिए जरूरी है कि व्यवस्था पर बारीक नजर रखी जाए। सेवानिवृत्त प्रोफेसर दयानंद तिवारी ने कहा कि पूरी दुनिया में अब इसी तरीके से पढ़ाई हो रही है। यह व्यवस्था अच्छी है क्योंकि मजबूरी में पढ़ाई छोड़नी पड़े तो भी विद्यार्थी के पास बाद में उसे जारी रखने का विकल्प होगा। ऐसा नहीं होगा कि सभी विद्यार्थी पढ़ाई बीच में छोड़ने लगेंगे। ऐसे 5 फीसदी विद्यार्थी होते हैं जो अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ते हैं। 95 फीसदी विद्यार्थी ऐसे होते हैं जो अपनी पढ़ाई को लेकर गंभीर रहते हैं और उसे जितनी जल्दी संभव हो खत्म कर लेना चाहते हैं। विद्यार्थियों का एक लक्ष्य होता है। प्रोफेसर करुणाशंकर उपाध्याय ने कहा कि कई बार विद्यार्थियों के सामने ऐसी परेशानी आती है कि वे पढ़ाई जारी नहीं रख सकते। मजबूरी में एक बार पढ़ाई छोड़ने के बाद वे दोबारा पढ़ाई नहीं कर पाते थे क्योंकि उनको फिर शुरूआत करनी होती थी। नई नीति में उनके पास बेहतर विकल्प होगा। इसके अलावा विषय चुनने को लेकर नई शिक्षा नीति में जो आजादी दी गई है उससे भी विद्यार्थियों को बहुत फायदा होगा। विद्यार्थी बाध्यता से मुक्त हो जाएंगे।

क्या मिलेगा विकल्प

विद्यार्थियों के लिए स्नातक, स्नातकोत्तर आदि की पढ़ाई के दौरान एक साथ पूरा कोर्स करने की जरूरत नहीं होगी वे शैक्षणिक सत्र पूरा कर परीक्षा देने के बाद पढ़ाई रोक सकते हैं उनका क्रेडिट स्कोर क्रेडिट बैंक में जमा रहेगा और वे वापस आकर कभी भी आगे की पढ़ाई शुरू कर सकते हैं।

क्या है संसदीय समिति की राय

भाजपा सांसद विवेक ठाकुर की अगुआई में गठित संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शायद भारत जितने बड़े देश में इसके अपेक्षित नतीजे न निकले। समिति का यह भी अनुमान है कि हर साल कितने विद्यार्थी दाखिला लेंगे और कितने छोड़ेंगे इसे लेकर भी इसका अंदाजा लगाना भी कठिन हो जाएगा।

Created On :   1 Oct 2023 4:47 PM IST

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