ठगी: हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस धानुका के साथ साइबर धोखा

हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस धानुका के साथ साइबर धोखा
  • पैन कार्ड अपडेट करने क लिंक निकला फर्जी
  • पूर्व चीफ जस्टिस के साथ ठगी
  • किया गया साइबर धोखा

डिजिटल डेस्क, मुंबई. साइबर फ्रॉड के जाल में बॉम्बे हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रमेश देवकीनंदन धानुका भी फंस गए। उन्हें पैन कार्ड अपडेट करने के लिए एसबीआई के नाम से एक लिंक भेजी गई थी। जिस पर पैन कार्ड अपडेट करते ही धानुका के अकाउंट से पैसे कट गए। इसके बाद आनन-फानन में धानुका ने अकाउंट ब्लॉक करवाया और कोलाबा पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया है। रिटायर्ड चीफ जस्टिस धानुका पिछले 25 वर्ष से कोलाबा में रहते हैं। उन्हें 27 नवंबर को मोबाइल पर एक संदेश प्राप्त हुआ था। जिसमें लिखा था Dear Customer your S.B.I YONO Account will be deactivated today. please Update your PANCARD Click here https://sbbi-nctg.vercel.app/ Thanks,TEAM_SBI_BANK धानुका ने जैसे ही इस लिंक पर जाकर अपना पैन कार्ड अपडेट किया, उनके खाते से 49,998/- रुपए कट गया। धानुका की पेंशन एसबीआई बैंक में आती है। बैंक कर्मचारी ने धानुका से जब जानकारी ली तो पता चला कि उन्होंने कोई ट्रांजेक्शन किया ही नहीं था। धानुका ने तुरंत अपना इंटरनेट अकाउंट बंद करवाया और साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर अपना खाता ब्लॉक करवाया। उन्होंने दूसरे दिन जाकर कोलाबा पुलिस थाने में इसकी लिखित शिकायत दर्ज कराई है।

पूर्व आईबी अधिकारी से ठगी

इसी वर्ष नवंबर में मुलुंड में एक पूर्व आईबी अधिकारी रघुनाथ केशव करंबेलकर ने अपने साथ हुई लगभग 7.34 लाख की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस शिकायत मे रघुनाथ बताया कि उनके मोबाइल पर एक संदेश आया था, जिसमें बिजली बिल अपडेट न होने की बात लिखी थी और देवेश जोशी नामक व्यक्ति से संपर्क करने को कहा गया था। इसके बाद रघुनाथ को एक लिंक भेजा, जिस पर जानकारियां भरने को कहा गया था। जैसे ही जानकारी भरकर रघुनाथ ने भेजा उनके खाते से साढ़े सात लाख रुपये कट गए।

बैंकर को लगाया चूना

ताड़देव निवासी बैंकर पुनीत भाटिया के साथ दो व्यक्तियों ने प्रतिष्ठित कलाकारों की पेंटिंग देने के नाम 18 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की। भाटिया ने बताया कि एक पार्टी में उनकी मुलाकात विश्वांग देसाई से हुई थी। देसाई के जरिये उनका परिचय राजेश राजपाल नामक व्यक्ति से हुआ। जो कथित तौर पर एक चित्रकलाओं का डीलर था। भाटिया ने देसाई के माध्यम से राजपाल से 11 पेंटिंग खरीदी लीं। उन्होंने बताया कि इसकी एवज में 17.90 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था। भाटिया ने जब इन पेटिंग्स की जांच कराई तो पता चला कि पेंटिंग फर्जी हैं।

Created On :   21 Dec 2023 5:17 PM IST

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