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कार्रवाई: ईवीएम कंट्रोल यूनिट की जांच के लिए समिति गठित, दो आरोपी गिरफ्तार, तीन अफसर निलंबित
- सासवड में ईवीएम मशीन के कंट्रोल यूनिट की चोरी
- दो सदस्यीय जांच समिति का गठन
- मामले में की गई कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने पुणे के सासवड में ईवीएम मशीन के कंट्रोल यूनिट की चोरी के मामले की जांच के लिए पुणे के विभागीय आयुक्त चंद्रकांत पुलकुंडवार की अध्यक्षता में दो सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। इस मामले में पुणे पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि जिला प्रशासन के दो और एक पुलिस अफसर को निलंबित कर दिया गया है। बुधवार को राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने मामले की जांच के लिए समिति किया है। सरकार ने केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देश पर जांच समिति बनाया है। इस जांच समिति को 12 फरवरी तक सिफारिशों के साथ रिपोर्ट सौंपना होगा। पुणे के सासवड में जनजागृति यानी डेमो के लिए 10 ईवीएम मशीनें कंट्रोल यूनिट के साथ रखी गई थीं। जिसमें से ईवीएम मशीन की एक कंट्रोल यूनिट चोरी हो गई थी। जिसके बाद पुरंदर के निवासी नायब तहसीलदार ने गत 5 फरवरी को सासवड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले के आरोपी भय्या ऊर्फ शिवाजी रामदास बंडगर (21) और अजिंक्य राजू सालुंखे (21) है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 1 कंट्रोल यूनिट, 5 पेपर रीम और स्टेशनरी जब्त कर लिया गया है। जबकि पुणे की उपविभागीय अधिकारी वर्षा लांडगे, पुरंदर के तहसीलदार विक्रम राजपूत और पुलिस अधीक्षक तानाजी बेर्डे को निलंबित कर दिया गया है। इस बीच राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा मुख्य चुनाव अधिकारी श्रीकांत देशपांडे ने बताया कि पुणे ग्रामीण पुलिस ने चोरी हुए ईवीएम मशीन के एक कंट्रोल यूनिट को बरामद कर लिया है।
महाप्रित के ओएसडी बने बिपीन कुमार श्रीमाली, सरकार ने महामंडल की सहायक कंपनी में ठेके पर की नियुक्ति
उधर प्रदेश सरकार ने महात्मा फुले नवीकरणीय ऊर्जा और अवसंरचना प्रौद्योगिकी (महाप्रित) कंपनी में विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) के पद पर पूर्व आईएएस अफसर बिपीन कुमार श्रीमाली की नियुक्ति की है। बुधवार को राज्य के सामाजिक न्याय विभाग ने श्रीमाली की नियुक्ति के संबंध में शासनादेश जारी किया है। सरकार ने बिपीन की एक साल की अवधि के लिए ठेके पर नियुक्ति की है। इससे बिपीन 6 फरवरी 2025 तक महाप्रित के ओएसडी के रूप में काम कर सकेंगे। इसके बाद आवश्यकता के अनुसार उनके सेवा की अवधि बढ़ाने के लिए करार किया जाएगा। लेकिन उनकी सेवा विस्तार की अवधि तीन साल से अधिक नहीं होगी। महाप्रित सरकार के महात्मा फुले पिछड़ावर्ग विकास महामंडल के अंतर्गत काम करने वाली एक सहायक कंपनी है। इस कंपनी की स्थापना साल 2013 में हुई है। महाप्रित कंपनी के जरिए पिछड़े और कमजोर वर्ग की जरूरतों और आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को एकत्रित करके नवयुग योजना लागू की गई है।
ठाणे में इमारत निर्माण कर रही महाप्रित कंपनी
सरकार के मुताबिक फिलहाल महाप्रित कंपनी ठाणे मनपा क्षेत्र के किसन नगर, हजुरी और टेकडी बंगला इलाके में एकत्रित विकास नियंत्रण नियमावली के तहत इमारतों के समूह विकास परियोजना का काम शुरू है। ठाणे की इस समूह विकास परियोजना पर 6050 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है। इसके अलावा महाप्रित के तहत राज्य में विभिन्न परियोजनाओं का काम शुरू है।
Created On :   7 Feb 2024 10:14 PM IST