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स्कूली शिक्षा विभाग: डिजिटल अध्ययन के लिए अभिनेता अमिताभ बच्चन बने ब्रांड एंबेसेडर
- तीसरी से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थी उत्सव में शामिल
- विद्यार्थियों में किताबें पढ़ने की रुचि पैदा करने स्कूलों में शुरू होगा ‘महावाचन उत्सव 2024’
डिजिटल डेस्क, मुंबई. डिजिटल युग में ज्ञानार्जन के लिए किताबों के बजाय ऑडियो विजुअल माध्यमों पर विद्यार्थियों की निर्भरता बढ़ रही है लेकिन इससे लंबे समय में विद्यार्थियों को नुकसान होता है। इसी के मद्देनजर विद्यार्थियों में किताबें पढ़ने के प्रति रुचि पैदा करने के लिए स्कूली शिक्षा विभाग ने सभी माध्यम और बोर्ड के स्कूलों में ‘महावाचन उत्सव 2024’ का फैसला किया है। कार्यक्रम को लेकर विद्यार्थी उत्साहित हों इसलिए अभिनेता अमिताभ बच्चन को इसका ब्रांड एंबेसेडर बनाने का फैसला किया गया है। तीसरी कक्षा से बारहवीं कक्षा तक के सभी विद्यार्थियों को इस उत्सव में शामिल किया जाएगा।
22 जुलाई से 30 अगस्त तक चलने वाले इस उत्सव में इसमें शामिल होने वाले विद्यार्थियों को तीन वर्गों में बांटा जाएगा। तीसरी से पांचवीं, छठीं से आठवीं और नौवीं से बारहवीं के विद्यार्थियों के लिए अगल-अलग वर्ग बनाए गए हैं। स्वयंसेवी संस्था रीड इंडिया सेलिब्रेशन भी इस मुहिम का हिस्सा होगा। इस मुहिम के जरिए स्कूली शिक्षा विभाग की कोशिश है कि विद्यार्थियों तक अच्छा साहित्य पहुंचे और वे अच्छे लेखकों और कवियों की साहित्य, संस्कृति से जुड़ी किताबें विद्यार्थियों को पढ़ने को मिले।
दिये जाएंगे पुरस्कार
महावाचन उत्सव के तहत विद्यार्थी अपनी रुचि के मुताबिक मराठी साहित्य, विश्व के दूसरे हिस्सों के साहित्य, कथा, उपन्यास, आत्मकथा चुन सकते हैं। विद्यार्थियों तक किताबें पहुंचाने के लिए तहसील और जिला स्तर पर किताबों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसके लिए निजी लाइब्रेरी की भी मदद ली जाएगी। विद्यार्थी जो किताब पढ़ेंगे उसके बारे में 150 से 200 शब्दों में अपने विचार लिखकर महाराष्ट्र प्राथमिक शिक्षा परिषद द्वारा तैयार किए गए वेब पोर्टल पर अपलोड करना होगा। विद्यार्थियों को किताब का एक मिनट का ऑडियो, वीडियो सारांश बनाकर अपलोड करना होगा। अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को तहसील, जिला, शैक्षणिक विभाग और जिला स्तर पर पुरस्कार दिए जाएंगे।
डॉ. सागर मूंदड़ा, मनोचिकित्सक के मुताबिक विद्यार्थियों में पढ़ने की रुचि जगाने की पहल अच्छी है। किताबें पढ़ने से दिमाग के अलग-अलग हिस्से विकसित होते हैं। काल्पनिक, सत्य घटनाओं पर आधारित किताबें, आत्मकथाएं पढ़ने से रचनात्मक, तार्किक, गंभीर सोच बेहतर होती है। पढ़ने से दूसरों के दृष्टिकोण समझने में भी मदद मिलती है।
Created On :   17 July 2024 10:01 PM IST