गोंदिया: बेमौसम बारिश बनी किसानों के लिए बड़ी आफत, दिनभर डटे रहे बादल

बेमौसम बारिश बनी किसानों के लिए बड़ी आफत, दिनभर डटे रहे बादल
  • जल्द कटाई के लिए हार्वेस्टर का हो रहा इस्तेमाल
  • कृषि एवं राजस्व विभाग ने शुरू किया सर्वेक्षण

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. जिले में 12 मई की रात आमगांव सहित कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी हुई और ठंडी हवाएं भी चली। 13 मई को भी सुबह से शाम तक आसमान में बादलों का डेरा जमा रहा। हालांकि इस दौरान किसी भी स्थान से बारिश होने की जानकारी नहीं मिली है। मौसम विज्ञान विभाग ने 16 मई तक जिले में कुछ स्थानों पर बारिश होने तो कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की चेतावनी जारी करते हुए येलो अलर्ट जारी किया है।

गौरतलब है कि 9 मई को जिले में अनेक स्थानों पर हुई झमाझम बारिश ने किसानों की खेत में खड़ी फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। उसके बाद से लगातार मौसम बदरीला बना हुआ है। खेत में काटकर रखी गई धान की फसल को गिला होने से बचाने के लिए अभी भी किसान उसे ताड़पत्री से ढांककर रखे हुए है। ताकि अचानक बारिश में फसल और अधिक खराब न हो सके। वहीं बारिश की आशंका बरकरार रहने के कारण कटाई के कार्य में भी विलंब हो रहा है। मौसम के रूख को देखते हुए अब किसान परंपरागत रूप से कटाई करने की बजाए हार्वेस्टर मशीन के माध्यम से कटाई करवा रहे है। ताकि जल्द से जल्द फसल काटकर उसे सुरक्षित स्थान पर चुराई के लिए पहुंचाया जा सके। जिले में अभी भी रबी मौसम की 75 से 80 प्रतिशत धान की फसल खेतों में ही खड़ी हुई है, जो कटाई के योग्य हो गई है, लेकिन केवल बारिश की आशंका के चलते किसान उसे काटने से फिलहाल बच रहे है। वहीं दुसरी ओर सब्जियों की भी फसल की यहीं स्थिती बनी हुई है।

जिले में खरीप मौसम में लगभग 1 लाख 87 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल लगाई जाती है। ग्रीष्मकालीन धान की फसल की कटाई के तुरंत बाद किसान खरीप मौसम की तैयारियों में जुट जाते है। 20-25 दिनों बाद मृग नक्षत्र शुरू हो जाएगा। लेकिन लगातार हो रही बेमौसम बारिश के कारण ग्रीष्मकालीन फसल ही अभी कट नहीं पा रही है। इससे किसान चितिंत दिखाई पड़ रहे है। जिला अधिक्षक कृषि अधिकारी हिंदुराव चव्हाण ने जानकारी दी कि 9 मई एवं उसके बाद हुई बारिश से धान की फसल को कई स्थानों पर नुकसान पहुंचाया है। कृषि विभाग राजस्व विभाग के साथ मिलकर पीड़ित किसानों के खेतों में पहुंचकर सर्वेक्षण एवं पंचनामा का कार्य कर रहा है। कुछ ही दिनों में नुकसान की अंतिम आकड़ेवारी मिल जाएगी। किसानों को हुए नुकसान का शासन की ओर से नियमानुसार मुआवजा दिलाने के लिए विभाग लगातार प्रयास कर रहा है।


Created On :   14 May 2024 12:21 PM GMT

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