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गणना: गोंदिया-भंडारा में कल होगी प्रेम के प्रतीक सारस की गणना, पक्षी प्रेमी में उत्साह
- सुबह 5 से 9 बजे तक विभिन्न जलस्रोतों के पास होगी
- हर साल जून माह में की जाती है गणना
- जलस्त्रोतों के पास जुटुेंगे पक्षी प्रेमी भी
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। सारस पक्षी को महाराष्ट्र का वैभव कहा जाता है और यह पक्षी राज्य में केवल गोंदिया -भंडारा जिले में ही पाया जाता है। इस पक्षी को प्रेम का प्रतीक भी कहा जाता है। यह पक्षी हमेशा जोड़े में ही दिखाई पड़ता है। प्रतिवर्ष दोनों जिलों में सारस पक्षी की गणना की जाती है। ताकि यह पता चल सके कि लुप्त होते जा रहे इन पक्षियों का अस्तित्व कितना शेष है।
इस वर्ष भी सेवा संस्था, वन विभाग एवं अन्य अशासकीय संस्थाओं के संयुक्त तत्वावधान में गोंदिया एवं भंडारा जिले में सेवा संस्था, वन विभाग और सीईएटी संस्था के माध्यम से 23 जून को सारस पक्षी गणना की जा रही है। उसी प्रकार 25 जून को पड़ोसी मध्यप्रदेश राज्य के बालाघाट जिले में सेवा संस्था एवं वन मंडल बालाघाट के संयुक्त तत्वावधान में सारस पक्षी गणना की जाएगी। यह गणना सुबह 5 बजे से 9 बजे तक विभिन्न जलस्रोतों के पास होगी। सारस पक्षी गणना यह पारंपारिक एवं शास्त्रोक्त पद्धति से की जाती है। जिसके कारण पापुलेश इस्टीमेंशन विश्वसनीय रहता है।
ये रहेंगे गणना में शामिल : गणना में 70 से 80 सारस मित्र, किसान एवं सेवा संस्था के सदस्यों के साथ ही 40 से 50 गोंदिया वन विभाग के एवं बालाघाट दक्षिण, उत्तर वन मंडल के अधिकारी एवं कर्मचारी सम्मिलित होंगे। जिससे गणना का सही आंकड़ा सामने आ सकेगा। ऐसा होने पर ही सारस संरक्षण का मार्ग सुनिश्चित और सुगम हो सकेगा। सेवा संस्था के अध्यक्ष सावन बहेकार ने बताया कि वन विभाग, सेवा संस्था और अन्य अशासकीय संस्था के मार्गदर्शन में यह गणना पूरी की जाएगी और गणना के बाद प्राप्त होनेवाले आकड़े सार्वजनिक किए जाएंगे। पक्षियों की कई प्रजातियां दिन-ब-दिन लुप्त होने की कगार पर है। प्रत्येक वर्ष जून माह के दूसरे सप्ताह में सारस पक्षियों की गणना की जाती है। गोंदिया जिले के अलावा भंडारा, मोहाड़ी तथा तुमसर तहसील में वैनगंगा नदी तट पर तथा आसपास क्षेत्र में सारस पक्षी पाए जाते हैं।
Created On :   22 Jun 2024 7:53 PM IST