नाराजगी: गोंदिया जिले में तेंदूपत्ता संकलन के लिए आरक्षित वनक्षेत्र में घुस रहे मजदूर

गोंदिया जिले में तेंदूपत्ता संकलन के लिए आरक्षित वनक्षेत्र में घुस रहे मजदूर
  • मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ने की आशंका
  • निर्धारित क्षेत्र को छोड़ तेंदूपत्ता संकलन करने की शिकायत
  • तेंदूपत्ता संकलन का काम जोरों पर

डिजिटल डेस्क, तिरोड़ा (गोंदिया) । इन दिनों तेंदूपत्ता संकलन का काम जोरों पर है। इधर अनेक लोग निर्धारित क्षेत्र को छोड़कर आरक्षित क्षेत्र में प्रवेश कर तेंदूपत्ता का संकलन कर रहे हैं। इससे मानव, जंगल व वन्यजीवों का अस्तित्व खतरे में आ गया है। इसके बावजूद संबंधित अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

प्रतिवर्ष तेंदूपत्ता संकलन से करोड़ों रुपयों का व्यवहार होता है। टेंडर निकाले जाते हैं। इसके अनुसार मजदूर प्रतिदिन सुबह अथवा शाम को जंगल में जाते हैं, तेंदूपत्ता संग्रहित कर उसे तेंदू यूनिट में बेचते हैं। 100 पैकेट पर 285 से 300 रुपए मिलते हैं। लेकिन निर्धारित क्षेत्र को छोड़ आरक्षित क्षेत्र से तेंदूपत्ता संकलन किया जा रहा है। नवेगांव-नागझिरा अभयारण्य अंतर्गत मंगेझरी, कोडेबर्रा, बोदलकसा एवं परिसर में यह मामला सामने आया है। मजदूर बड़ी संख्या में आरक्षित क्षेत्र में प्रवेश कर तेंदूपत्ता संकलन का कार्य कर रहे हैं।

जंगल में बाघ, तेंदुए, भालू, जंगली भैंसे जैसे हिंसक जानवरों का विचरण रहता है। इससे मजदूरों सहित वन्यजीवों पर भी खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटना घटित हो सकती है। पिछले वर्ष भी इसी तरह की एक घटना में एक महिला की मृत्यु का कारण बाघ बना था। वन्यजीवों द्वारा तेंदूपत्ता सीजन में ही अधिक हमले किए जाते हैं। बावजूद टेंडर लेनेवाले संबंधित अधिकारियों की साठगाठ से मजदूरों को आरक्षित क्षेत्र में भेजा जाता है। ऐसे में वन्यजीवों द्वारा मजदूरों पर हमला किए जाने की घटनाएं घटित हो सकती है। कुछ दिनों पूर्व तिरोड़ा वन विभाग अंतर्गत आरक्षित क्षेत्र से तेंदूपत्ता संकलन करनेवाले कुछ मजदूरों को पकड़ा गया था। लेकिन टेंडर लेनेवालों के दबाव के चलते अधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने की बात सामने आ रही है।


आरक्षित क्षेत्र में प्रवेश न करें मजदूर : मजदूरों को दिए गए क्षेत्र में ही तेंदूपत्ता संकलन का कार्य करने की सूचनाएं दी गई है। बावजूद वे आरक्षित क्षेत्र में प्रवेश कर तेंदूपत्ता संकलन का कार्य कर रहे हैं। किसान आरक्षित क्षेत्र में प्रवेश न करें। इसके लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। - राघवेंद्र मून, आरएफओ, तिरोड़ा

Created On :   10 May 2024 11:05 AM GMT

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