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सारस पक्षी के संरक्षण में योगदान देनेवालों को मानधन देने की मांग
डिजिटल डेस्क, कामठा (गोंदिया)। गोंदिया जिले की पहचान धान के कटोरे के नाम से की जाती है। लेकिन अब जिले में सारस पक्षियों का बसेरा होने से सारस पक्षी ने गोंदिया जिले को एक नई पहचान दिलाई है। इसलिए गोंदिया को सारस का वैभव कहा जाता है। वर्तमान में जिले में अब मात्र 31 सारस पक्षी ही बचे हैं। यदि इसी तरह सारस पक्षियों की संख्या घटती गई तो गोंदिया सारस की पहचान खो देगा। इसलिए सारस पक्षियों के संवर्धन व सुरक्षा के लिए वन विभाग ने सारस मित्रों की नियुक्ति की है। लेकिन सारस की सुरक्षा करने वाले सारस मित्रों को ही मानधन से वंचित रखा जा रहा है। ऐसे में वन विभाग द्वारा चयनित सारस मित्रों को मानधन देने का प्रावधान किया जाए। इस तरह की मांग सारस मित्रों द्वारा शासन-प्रशासन से की गई हैं। सारस पक्षियों की सुरक्षा के लिए सारस मित्र दिन-रात अलर्ट रहते है। वहीं सारस पक्षियों के दर्शन करने के लिए आने वाले सैलानियों को फ्री में सेवा भी दे रहे हैं। इसके बावजूद भी सारस मित्रों को मानधन नहीं दिया जा रहा है।
Created On :   30 Aug 2023 7:29 PM IST