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प्रदर्शन: महावितरण कर्मियों ने मांगों को लेकर किया आंदोलन, अस्थायी कर्मी सड़क पर उतरे
- पूर्व के विद्युत मंडल के दिहाड़ी कर्मचारियों को जैसे शामिल किया गया था
- महावितरण कार्यालय के सामने आंदोलन किया
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. महाराष्ट्र राज्य बीज मंडल कंत्राटी कामगार संगठन संयुक्त कृति समिति शाखा गोंदिया की ओर से कर्मचारियों की विविध प्रलंबित मांगों को लेकर 29 फरवरी को गोंदिया स्थित महावितरण कार्यालय के सामने आंदोलन किया गया। प्रमुख मांगों में कर्मचारियों को तेलंगाना, तमिलनाडु, हिमाचल, उडिसा आदि कंपनी के कमागारों को शैक्षणिक पात्रता के अनुसार शामिल किया गया है। इसी तरह राज्य में भी सेवा में शामिल किया जाए। पूर्व के विद्युत मंडल के दिहाड़ी कर्मचारियों को जैसे शामिल किया गया था, उसी पद्धति से दिहाड़ी कर्मचारियों को बिना शर्त सेवा जेष्ठता के अनुसार शामिल किया जाए। तीनों विद्युत कंपनियों के कर्मचारियों को जब तक शामिल नहीं किया जाता, तब तक 60 वर्ष नौकरी का अवसर दिया जाए। ठोस कारण के बिना संविदा कर्मचारियों को काम से न निकाला जाए। तीनों कंपनियों के कर्मचारियों की सेवा जेष्ठता सूची तैयार कर कंपनियों के पोर्टल पर प्रसिद्ध की जाए। राज्य सरकार द्वारा निश्चित किए गए वेतन में 40 प्रतिशत बढ़ोतरी की जाए। कंपनियों में काम करनेवाले सभी कर्मचारियों को समान वेतन दिया जा रहा है, इसमें जितना वर्ष सेवा दी गई है, उसके हिसाब से वेतन दिया जाए। संविदा कर्मचारियों का वेतन कंपनी के माध्यम से दिया जाए। संविदा कर्मचारी की मृत्यु होने पर परिवार को 4 लाख रुपए के बजाय 20 लाख रुपए दिए जाए। दुर्घटना में मृत्यु होने पर कर्मचारी के वारिस को नौकरी दी जाए। इस तरह की अन्य मांगों का समावेश है। प्रलंबित मांगों को हल नहीं किया गया तो नियोजित आंदोलन से औद्योगिक शांतता भंग होने पर इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की रहेगी। ऐसी चेतावनी दी गई है। इस अवसर पर एमएसईबी वर्कर्स फेडरेशन संविदा कृति समिति, स्वतंत्र मजदूर कामगार संघ के पदाधिकारी अशोक ठवकर, धर्मेंद्र बोरकर, सुरेश तितरे, नामदेव चौधरी, आशीष बनोठे, देवेंद्र लटये, दिलीप रहांगडाले, रोहित हलमारे, मिथुन कोचे, अंकित मिश्रा आदि उपस्थित थे।
भंडारा में भी बिजली विभाग के अस्थायी कर्मी उतरे सड़क पर
उधर भंडारा में विद्युत विभाग के अस्थायी कर्मचारियों ने वेतनवृद्धी तथा रोजगार देने की मांग को लेकर राष्ट्रीय महामार्ग क्रमांक 53 पर स्थित विद्युत विभाग के कार्यालय के सामने गुरूवार 29 फरवरी को आंदोलन किया। महाराष्ट्र राज्य विद्युत मंडल अस्थायी कामगार संगठना संयुक्त समिति के नेतृत्व में अस्थायी कर्मचारियों ने यह आंदोलन किया। आंदोलनकर्ता कर्मचारियों के अनुसार अस्थायी कर्मचारी यह अनुभवी तथा कुशल होकर गत 15 से 20 वर्षों से लगातार काम कर रहे है। अस्थायी कर्मचारियों के लिए अनेक संगठनाओं ने शासन व प्रशासन स्तर पर मांगे रखी, लेकिन मांग पूर्ण न होने से महाराष्ट्र राज्य विद्युत मंडल अस्थायी कामगार संगठना संयुक्त कृति समिति स्थापित कर गुरूवार 29 फरवरी से आंदोलन शुरू किया गया। आंदोलनकारी कर्मचारियों ने विद्युत विभाग के तीनों कंपनी के अस्थायी कर्मचारियों को 1 अप्रैल 2023 से 30 प्रतिशत वेतनवृध्दी देने, मनोज रानडे समिति के रिपोर्ट पर तत्काल अमल करने, आयु के 60 वर्ष तक शाश्वत रोजगार देने आदि मांग की गई। 5 मार्च तक मांगे पुरी नहीं हुई तो अस्थायी कर्मचारियों ने अनिश्चितकालिन कामबंद आंदोलन करने की चेतावनी दी है। इस आंदोलन में एमएसईबी वर्कर्स युनियन के नचिकेत मोरे, महाराष्ट्र विद्युत अस्थायी कामगार संघ के अध्यक्ष निलेश खरात, वामन बुटले, महाराष्ट्र राज्य बहुजन कामगार संगठना के अध्यक्ष सुरेश भगत, तकनीकी अप्रेंटीस कामगार विक्की कावले, संघर्ष अस्थायी कामगार समिति के सतीश तायडे, दिपक ओतारी, संजय पडोले, वामन मराठे, निताई घोष, रमेश गणोरकर, राहुल नागदेवे आदि शामिल हुए।
Created On :   1 March 2024 7:13 PM IST