अलग-अलग स्थानों पर तेंदुए और भालू का किया रेस्क्यू, वनविभाग को दी गई जानकारी

अलग-अलग स्थानों पर तेंदुए और भालू का किया रेस्क्यू, वनविभाग को दी गई जानकारी
  • आरआरटी गोंदिया एवं एनएनटीआर के कर्मचारियों को बुलाया
  • कुएं में गिरा प्यास से व्याकुल भालू
  • तत्काल इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. जिले में अलग-अलग स्थानों पर दो वन्यजीवों को रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित बचा लिए जाने की दो घटनाएं प्रकाश में आई है। पहली घटना में सड़क अर्जुनी तहसील के चुलबंद जलाशय के पास स्थित एफडीसीएम के गेस्ट हाउस में 19 जून को सुबह घायल तेंदुआ भटकता हुआ आकर प्रवेश कर गया। वहां उपस्थित वन कर्मचारियों ने स्थिती को देखते हुए उसे जिस कमरे में वह बैठा था, उसका दरवाजा बंद कर तत्काल इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी। इसके बाद रेस्क्यू के लिए आरआरटी गोंदिया एवं एनएनटीआर के कर्मचारियों को बुलाया गया। जहां दोपहर 2 बजे के दौरान उसे पिंजरे में बंद किया गया।

पशु चिकित्सा अधिकारी ने उसका प्राथमिक उपचार कर उसे उपचार के लिए नागपुर ले जाने की सलाह दी। पकड़े गए तेंदुए के गले पर जख्म के निशान दिखाई दिए। जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि किसी दूसरे बड़े मांसभक्षी प्राणी के साथ हुई झड़प में वह घायल हुआ होगा। रेस्क्यू के दौरान घटनास्थल पर एफडीसीएम के डिविजनल मैनेजर संतोष गांधीले, सेवा संस्था के अध्यक्ष सावन बहेकार, चुलबंद रोप वाटिका के वन परिक्षेत्र अधिकारी बागडे, पशु चिकित्सा अधिकारी देवेंद्र कटरे, चंद्रशेखर मालापुरे, संतोष रहांगडाले के साथ ही एफडीसीएम के कर्मचारी, आरआरटी की टीम एवं सेवा संस्था के सदस्य उपस्थित थे। पशु चिकित्सकीय सलाह पर पकड़े गए तेंदुए को आगे के उपचार के लिए नागपुर के डब्ल्यूआरटीसी सेंटर गोरेवाड़ा में भेजा गया।

कुएं में गिरा प्यास से व्याकुल भालू

रावणवाड़ी में गर्मी के चलते पानी की तलाश में अक्सर वन क्षेत्र से सटे गांवों में वन्यजीव आ जाते हैं और इस दौरान अनेक बार वे दुर्घटनाओं का शिकार भी हो जाते हैं। ऐसा ही एक मामला गोंदिया तहसील के अर्जुनी चारगांव में सामने आया है, जहां 19 जून की रात पानी की तलाश में भटकते हुए गांव में आया एक भालू रिहायशी इलाके में स्थित कुएं में जा गिरा। गुरुवार 20 जून को सुबह परिसर के नागरिक जब अपने खेतों की ओर जा रहे थे तो उन्हें सूखे कुएं में एक भालू गिरा हुआ दिखाई पड़ा। भालू के जिंदा होने की पुष्टि के बाद इसकी जानकारी वन एवं वन्यजीव विभाग को दी गई। जिसके बाद वन विभाग के कर्मचारियों ने वहां पहुंचकर कुएं में गिरे भालू को रेस्क्यू कर उसे बाहर निकालने का प्रयास शुरू किया और लगभग दो-तीन घंटे की मशक्कत के बाद उसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। जिसके बाद उसे चिकित्सकीय जांच के लिए भेजा गया है।

Created On :   21 Jun 2024 2:50 PM GMT

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