गोंदिया: एनएचएमकर्मियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवा प्रभावित

एनएचएमकर्मियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवा प्रभावित
  • 1200 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी शामिल
  • स्वास्थ्य सेवा प्रभावित

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. सरकारी सेवा में शामिल करने और समान काम, समान वेतन की मुख्य मांग को लेकर एनएचएम कर्मियों की पिछले एक माह से हड़ताल शुरू है। इसका विपरीत परिणाम बाल स्वास्थ्य जांच अभियान पर भी पड़ रहा है। यहां तक कि डाक्टर, नर्स, अधिकारी और कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल होने से जिले की स्वास्थ्य सेवा ठप हो गई है। इसके बावजूद एनएचएम कर्मियों की मांगों पर शासन गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहा है। बता दें कि एनएचएम के तहत जिले के स्वास्थ्य विभागों में लगभग 1200 से अधिक डाक्टर, नर्स, औषध निर्माता, अभियंता, क्षय रोग अधिकारी-कर्मचारी, बाल स्वास्थ्य जांच अभियान के अधिकारी-कर्मचारी कार्यरत होकर स्वास्थ्य सेवा दे रहे हैं। लेकिन उन्हें अल्प मानधन देकर शासकीय योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। कोरोना काल में इन स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर का काम किया है।

इस दौरान अनेक एनएचएम कर्मियों की मृत्यु भी हो गई थी। एनएचएम कर्मियों की मांग है कि शासकीय सेवा में शामिल किया जाए तथा समान काम, समान वेतन लागू किया जाए। इन मांगों को लेकर शासन तथा मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष रखा गया। जिस पर शासन ने उपरोक्त मांगों को मंजूर कराने की बात कही। लेकिन अभी तक परिपत्रक निकाला नहीं गया। शासकीय सेवा में शामिल किया जाए व समान काम, समान वेतन लागू किया जाए इस मुख्य मांग को लेकर 25 अक्टूबर से राष्ट्रीय आरोग्य अभियान, कंत्राटी अधिकारी-कर्मचारी, समायोजन कृति समिति जिला गोंदिया की ओर से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू है। इस आंदाेलन में लगभग 1200 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी शामिल है। डाक्टर, नर्स, अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल में शामिल होने से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य जांच अभियान के साथ जिले की स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हो गई है।

जीवनदान देने वालों पर ही अन्याय

डॉ. आशीष रहांगडाले, उप समन्वयक के मुताबिक एनएचएम के तहत स्वास्थ्य सेवा देने वाले डाक्टर, नर्स, अधिकारी-कर्मचारियों पर ही शासन द्वारा अन्याय किया जा रहा है। कोविड काल में जान को जोखिम में डालकर अनेक को जीवनदान दिया गया है। लेकिन उनकी मांगों पर शासन अनदेखी कर रहा है। हड़ताल से स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हुई है। जब तक निर्णय नहीं लिया जाता तब तक हड़ताल चलती रहेगी।


Created On :   23 Nov 2023 12:27 PM GMT

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