गोंदिया: प्रशासनिक अनदेखी के चलते विकास की बाट जोह रहा है हाजराफॉल पर्यटन स्थल

प्रशासनिक अनदेखी के चलते विकास की बाट जोह रहा है हाजराफॉल पर्यटन स्थल
  • नागरिकों के लिए चिरपरिचित पर्यटन स्थल
  • पहाड़ों के बीच से गिरनेवाले झरने के मनोहारी दृश्य

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. जिले की सालेकसा तहसील में स्थित हाजराफॉल पर्यटन स्थल जिले एवं आसपास के जिलों के नागरिकों के लिए चिरपरिचित पर्यटन स्थल है। प्राकृतिक हरियाली से पहाड़ों के बीच से गिरनेवाले झरने के मनोहारी दृश्य को देखने के लिए यहां वर्षभर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। लेकिन इस पर्यटन क्षेत्र के विकास की ओर शासन की अनदेखी के चलते यहां अपेक्षित पैमाने पर विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं। यदि इस स्थान पर पर्यटकों की सुविधा के साथ ही सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए तो, इस पर्यटन स्थल की न केवल कायाकल्प हो सकता है बल्कि रोजगार के अवसर भी स्थानीय युवाओं को प्राप्त हो सकते हैं। जिले के आदिवासी बहुल एवं नक्सल प्रभावित सालेकसा तहसील का यह पर्यटन स्थल गोंदिया से लगभग 55 किमी दूर स्थित है।

बारिश के दिनों में जब पहाड़ पर से पानी की विशाल धारा नीचे गिरकर जो धुंआ उठता दिखाई देता है, वह दृश्य यहां आनेवाले हर पर्यटक को रोमांचित करता है। गोंदिया जिले के अंतिम छोर पर स्थित यह प्राकृतिक झरना महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ की सीमा से नजदीक होने के कारण यहां बड़ी संख्या में पर्यटक बारहों महिने आते हैं। बारिश के दिनों में तो यहां आनेवाले पर्यटकों की संख्या सैकड़ों में नहीं हजारों में प्रतिदिन होती है। वन विभाग की सहायता से स्थानीय युवकों ने पर्यटन विकास समिति का गठन किया है। इस समिति की आय का मुख्य स्रोत यहां आनेवाले पर्यटकों से मिलनेवाला प्रवेश शुल्क, वाहन पार्किंग शुल्क, सहासी खेलों से मिलनेवाला शुल्क, कैंटिन से होनेवाली आय आदि है। इस आय से लगभग 30 युवाओं को रोजगार भी मिला हुआ है। जो विभिन्न प्रबंधन के कार्य संभालने के अलावा गाइड का काम भी करते हैं। हाजराफॉल पर्यटन स्थल हावड़ा-मुंबई रेल मार्ग पर दरेकसा रेलवे स्टेशन से एक किमी के अंतर पर है। लेकिन यहां केवल लोकल गाड़ियों का स्टापेज है। जिसके कारण लंबी दूरी से आनेवाले पर्यटक यहां सीधे नहीं पहुंच पाते।

पर्यटन विकास समिति के अध्यक्ष गोविंद मरस्कोल्हे ने बताया कि समिति को लगभग 30 से 40 लाख रुपए की आय प्रतिवर्ष हो जाती है। जिससे इन युवाओं को प्रतिमाह मानधन दिया जाता है एवं शेष बची राशि से इस क्षेत्र के विकास के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने का कार्य किया जाता है। उन्होंने बताया कि वन विभाग गोंदिया की ओर से भी यहां कैंटिन की इमारत, सहासी खेलों के सामान आदि की व्यवस्था की गई है। हमने शासन को यहां पर पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से आवश्यक विकास कार्यों के लिए अनेक बार प्रस्ताव बनाकर दिए हैं। लेकिन अब तक शासन की ओर से न तो इस ओर कोई ध्यान दिया गया है और न ही कोई निधि उपलब्ध कराई गई है। वन विभाग की सहायता एवं स्थानीय समिति के संयुक्त प्रयासों से यहां अनेक प्रकार की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। शासन यदि इस स्थान पर बोटिंग, सुरक्षा दीवार, विश्रामगृह आदि का निर्माण कर दे तो निश्चित रूप से यह जिले के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों में समाविष्ट हो सकता है।

Created On :   15 May 2024 4:21 PM IST

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