Gondia News: प्रेम के प्रतीक सारस की खेत में लगे 11 केवी विद्युत तार के संपर्क में आने से मौत

प्रेम के प्रतीक सारस की खेत में लगे 11 केवी विद्युत तार के संपर्क में आने से मौत
  • गोंदिया - भंडारा जिले में ही दिखाई देते हैं सारस
  • पक्षी प्रेमियों में नाराजगी
  • अंतिम संस्कार कराया

Gondia News महाराष्ट्र के वैभव के रूप में पहचाने जानेवाले और राज्य में केवल गोंदिया - भंडारा जिले में ही दिखाई पड़नेवाले प्रेम के प्रतीक सारस पक्षी की मौत का मामला प्रकाश में आया। इस घटना से वन विभाग के साथ ही प्रकृति प्रेमियों को भी धक्का लगा है।

जानकारी के अनुसार गोंदिया वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आनेवाले तहसील के ग्राम माकड़ी निवासी गणपत तुरकर नामक किसान के खेत में 11 केवी विद्युत तार के संपर्क में आने से सारस पक्षी की मृत्यु हो गई। यह घटना 26 मार्च को सुबह 8.30 से 9 बजे के दौरान घटित हुई। घटना की गंभीरता को देखते हुए वन परिक्षेत्र अधिकारी दिलीप कौशिक एवं अन्य अधिकारी, कर्मचारी घटना स्थल पर पहुंचे और पंचनामा करने के पश्चात मृत सारस पक्षी को पशु संवर्धन विभाग कार्यालय गोंदिया में लाया गया। जहां उसका पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम के पश्चात शासन के दिशानिर्देशों के अनुसार मृत सारस का अंतिम संस्कार किया गया।

बुलाई गई थी मीटिंग : गोंदिया में 26 मार्च को ही सारस पक्षी के संवर्धन को लेकर की जानेवाली उपाय योजनाओं के संबंध में विचार विमर्श के लिए सुबह 11 बजे जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिलाधिकारी कार्यालय गोंदिया में बैठक का आयोजन किया गया था। जिसमें वन विभाग के साथ ही विभिन्न विभागो के वरिष्ठ अधिकारियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था। लेकिन इस बैठक के शुरू होने से पूर्व ही सुबह करंट से पांच माह के सारस की मृत्यु की खबर आ गई। बैठक के बारे में पता चला है कि यह बैठक 10 से 15 मिनट में ही समाप्त हो गई।

मृत सारस को 19 नवंबर 2024 को रिंग पहनाई गई थी। जिसका नंबर एम 00772 था। इस अवसर पर गोंदिया जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम. मुरुगानंथम, वन विभाग के उपवन संरक्षक प्रमोद पंचभाई, सहायक वन संरक्षक अविनाश मेश्राम, गोंदिया के वन परिक्षेत्र अधिकारी डी.एच. कौशिक, तहसीलदार शमशेर पठान, मानद वन्यजीव रक्षक मुकुंद धुर्वे, हिरवळ संस्था के रूपेश निंबार्ते, पशु चिकित्सक डॉ. राकेश गोबाडे, पशुधन विकास अधिकारी दासगांव डॉ अश्विनी जावुलकर, ग्रापं कुड़वा के सरपंच बालकृष्ण पटले उपस्थित थे।

मात्र 28 सारस होने का अनुमान : सारस संरक्षण के लिए शासकीय और गैरशासकीय स्तर पर चर्चाएं तो बहुत होती हैं, लेकिन इसके लिए गंभीर उपाय योजना की जानी बहुत आवश्यक है। जिसमें सारस अधिवास का संरक्षण, सारस अधिवास क्षेत्र में विद्युत तारों पर कवर लगाने के साथ ही तालाबों का पुनर्जीविकरण भी आवश्यक है। इसके लिए आवश्यक निधि भी शासन को उपलब्ध कराना चाहिए। जिले में इस समय मात्र 27 से 28 सारस होने का अनुमान है। ऐसे में एक भी सारस की मौत गंभीर घटना है। - सावन बहेकार, मानद वन्यजीव संरक्षक, गोंदिया


Created On :   27 March 2025 4:01 PM IST

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